क्या 'गणभवन' की संरचना में बदलाव सही है? बांग्लादेश की अवामी लीग ने अंतरिम सरकार पर उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- गणभवन बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है।
- अवामी लीग ने बदलाव को गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
- यह कदम बांग्लादेश की लोकतांत्रिक विरासत को प्रभावित कर सकता है।
- स्थानीय पर्यावरण की सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक नफरत के कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है।
ढाका, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आधिकारिक निवास 'गणभवन' में संरचनात्मक बदलाव करने के निर्णय पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने इस निर्णय को 'गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक' बताया है।
पार्टी ने इस कदम को देश की लोकतांत्रिक विरासत पर हमला बताते हुए अंतरिम प्रशासन पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करने का आरोप लगाया।
अवामी लीग ने कहा कि यह कदम 'गणभवन' परिसर में 'तथाकथित सामूहिक कब्रिस्तान' बनाने के 'अवैध, फासीवादी कब्जाधारी यूनुस और उनके गुट के राजनीति से प्रेरित प्रयास' का हिस्सा है।
अवामी लीग ने एक बयान में कहा, "यह अवैध कब्जा करने वाला समूह यह समझने में नाकाम रहा है कि 'गणभवन' शेख हसीना का निजी आवास नहीं है। यह बांग्लादेश के शासनाध्यक्ष का आधिकारिक निवास है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस संरचना में बदलाव का मतलब हमारी राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक पहचान को विकृत करने का प्रयास करना है।"
पार्टी ने यह भी कहा कि जिस तरह 'व्हाइट हाउस' अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है, वैसे ही 'गणभवन' बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है।
अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि गणभवन के महत्व की अनदेखी करना शेख हसीना के प्रति नफरत का परिणाम है।
पार्टी ने कहा कि गणभवन के आसपास की हरियाली और पारिस्थितिकीय संतुलन का महत्वपूर्ण मूल्य है, जिसे 'यूनुस की फासीवादी सरकार नजरअंदाज कर रही है।
बयान में कहा गया, "कुछ दिन पहले ही, माइलस्टोन त्रासदी के बाद की स्थिति को संभालने में विफल रहने के बाद, यूनुस ने फेसबुक पर मदद की भीख मांगी थी। आज वही व्यक्ति टैक्सपेयर्स का पैसा नफरत भरे और गैर-जरूरी प्रोजेक्ट्स पर खर्च कर रहा है।"