क्या गांधी परिवार असम और देश की संस्कृति से नफरत करता है? : प्रदीप भंडारी

सारांश
Key Takeaways
- प्रदीप भंडारी ने गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- असम की संस्कृति का अपमान नहीं किया जाना चाहिए।
- गांधी परिवार के प्रति असम के लोगों में आक्रोश है।
- भूपेन हजारिका को भारत रत्न देना एक महत्वपूर्ण सम्मान है।
- कांग्रेस को माफी मांगने का सुझाव दिया गया है।
गुवाहटी, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और गांधी परिवार को आरोपित करते हुए कहा कि वे असम और देश की संस्कृति के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए भंडारी ने पीएम मोदी के असम दौरे के दौरान किए गए बयान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खड़गे द्वारा भूपेन हजारिका पर किए गए बयान के लिए खेद प्रकट किया। असम की धरती से मोदी ने वह दर्द व्यक्त किया जो देश और असम दोनों का है।
प्रदीप भंडारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के शाही परिवार ने भूपेन हजारिका का अपमान किया था। मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर सम्मानित किया, लेकिन खड़गे ने राहुल और सोनिया गांधी के कहने पर कहा कि 'एक गायक को भारत रत्न' से वे दुखी हैं।
भंडारी ने कहा कि माफी मांगने की बजाय कांग्रेस के प्रवक्ता इसे सही ठहराने में जुटे हैं। यह अपने परिवार को आगे रखकर देश की संस्कृति को पीछे धकेलते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि असम के लोगों में गांधी परिवार के प्रति आक्रोश है। एक ओर वे घुसपैठियों का समर्थन करते हैं, दूसरी ओर संस्कृति का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि भूपेन हजारिका का अपमान असम का अपमान है। खड़गे के बयान को सही ठहराने के बजाय कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। उनके मन में नफरत है, और असम के लोग इस नफरत का जवाब देंगे।
राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे दिल से असम का सम्मान करते हैं, तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
जीएसटी सुधारों पर प्रदीप भंडारी ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान जिस वस्तु पर ५ प्रतिशत कर लगता था, वह अब ० प्रतिशत है, जिससे मध्यम वर्ग को लाभ हो रहा है। बांस के फर्नीचर, जो मुख्य रूप से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में निर्मित होते हैं और देशभर के बाजारों में सप्लाई किए जाते हैं, पर कर घटाकर ५ प्रतिशत कर दिया गया है।