क्या दीपावली के बाद गन्ना किसानों को सरकार का उपहार मिला?

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क्या दीपावली के बाद गन्ना किसानों को सरकार का उपहार मिला?

सारांश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए दीपावली के बाद एक बड़ी घोषणा की है। गन्ने के मूल्य में 30 प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा। इस लेख में जानें इस निर्णय के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • गन्ने के मूल्य में 30 प्रति क्विंटल की वृद्धि
  • किसानों को 3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान
  • गन्ना मूल्य में चार बार बढ़ोतरी
  • 122 चीनी मिलें संचालित
  • स्मार्ट गन्ना किसान ऑनलाइन प्रणाली

लखनऊ, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों को दीवाली के बाद एक महत्वपूर्ण उपहार दिया है। सरकार ने गन्ने के मूल्यों में 30 प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय के अनुसार, अब अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 प्रति क्विंटल होगा, जबकि सामान्य प्रजाति के लिए यह दर 390 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गन्ने के मूल्य में 30 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने का मूल्य निर्धारण भी किया गया है।

अगैती प्रजाति के लिए 400 प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के लिए 390 प्रति क्विंटल की दर तय की गई है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशहाली की मिठास घुल गई है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गन्ना मूल्य वृद्धि से किसानों को 3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा।

उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में लगातार बढ़ोतरी की है, 2017 से अब तक चार बार समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है। साढ़े 8 वर्षों में गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है। 2007 से 2017 तक केवल 1,47,346 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान हो सका था। 2017 से अब तक साढ़े आठ वर्षों में 2,90,225 करोड़ का गन्ना मूल्य अकेले भुगतान हुआ है।

पिछली सरकारों के 10 वर्षों की तुलना में 1,42,879 करोड़ अधिक भुगतान योगी सरकार में किया गया है। प्रदेश में अब 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जो देश में दूसरा स्थान रखते हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी उद्योग को भारी क्षति पहुँचाई थी, 21 मिलें औने-पौने दामों पर बेची गईं हैं। योगी सरकार के पारदर्शी प्रबंधन से उद्योग में 12,000 करोड़ का निवेश आया है।

आठ वर्षों में चार नई चीनी मिलें स्थापित हुईं, 6 बंद मिलें पुनः शुरू हुईं, और 42 मिलों में क्षमता का विस्तार हुआ। आठ नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई, और 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किया गया।

स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली से गन्ना पर्ची व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है, और बिचौलियों का राज खत्म हो गया है। गन्ना मूल्य भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में किया गया। गन्ना क्षेत्रफल, गन्ना सट्टा, गन्ना कलेंडरिंग एवं गन्ना पर्ची की ऑनलाइन व्यवस्था हेतु विकसित की गई।

केंद्रीयकृत वेब-बेस्ड 'स्मार्ट गन्ना किसान' प्रणाली, भारत सरकार ने इसे 'मॉडल सिस्टम' बताया है। एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम है। उत्पादन: 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर, आसवनियां: 61 से बढ़कर 97 हुई हैं। गन्ना क्षेत्रफल में उल्लेखनीय वृद्धि, 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है, उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

Point of View

जो कृषि क्षेत्र में योगदान को बढ़ावा देगी। यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

गन्ने के मूल्य में कितनी बढ़ोतरी की गई है?
गन्ने के मूल्य में 30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
इस वृद्धि से किसानों को कितना लाभ होगा?
इस मूल्य वृद्धि से किसानों को 3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा।
योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में कितनी बार बढ़ोतरी की है?
योगी सरकार ने 2017 से अब तक गन्ना मूल्य में चार बार बढ़ोतरी की है।
उत्तर प्रदेश में कितनी चीनी मिलें हैं?
प्रदेश में अब 122 चीनी मिलें संचालित हैं।
स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली क्या है?
यह एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसके जरिए गन्ना पर्ची व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल किया गया है।