क्या गढ़वा में लम्पी वायरस ने पशुपालकों की नींद उड़ा दी?

सारांश
Key Takeaways
- लम्पी वायरस का प्रकोप गढ़वा जिले में तेजी से फैल रहा है।
- कई पशुओं की मौत हो चुकी है, जिससे पशुपालकों में चिंता है।
- प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठा रहा है।
- संक्रमण से बचाव के उपाय जरूरी हैं।
गढ़वा, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गढ़वा जिले में इस समय लम्पी वायरस ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है। कांडी, केतार और भवनाथपुर प्रखंडों में मवेशियों के बीच यह वायरस तेजी से फैल रहा है। अब तक जिले में आधा दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य संक्रमित हैं और गंभीर स्थिति में हैं।
कांडी प्रखंड में स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। यहां के पशुपालक घरेलू उपायों से इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही है।
पशुपालक सत्यं कुमार मेहता ने बताया कि लगभग एक महीने से हमारे इलाके में लम्पी वायरस का प्रकोप है। मवेशियों में बुखार, शरीर पर गांठें और सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कई पशु मर चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अगर यही स्थिति रही, तो हमारी रोजी-रोटी संकट में पड़ जाएगी।
इस बढ़ते संक्रमण पर जिला प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है। गढ़वा के डीसी दिनेश यादव ने बताया कि जिले के कई प्रखंडों में लम्पी वायरस के मामले सामने आए हैं। नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें, बीमार पशुओं की जांच करें और आवश्यक वैक्सीन एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
लम्पी वायरस एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से गाय और भैंसों को प्रभावित करता है। यह वायरस खून चूसने वाले कीड़ों, मच्छरों और मक्खियों के माध्यम से फैलता है। संक्रमित पशुओं में बुखार, त्वचा पर गांठें, दूध उत्पादन में कमी और कमजोरी जैसे लक्षण देखे जाते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा साबित हो सकता है।
इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पशुओं को स्वच्छ स्थान पर रखना चाहिए और संक्रमित पशुओं को स्वस्थ मवेशियों से अलग करना चाहिए। पशु चिकित्सकों की सलाह से टीकाकरण और संतुलित आहार भी इस समस्या का समाधान कर सकता है।