क्या छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में लखपति दीदी योजना से ग्रामीण महिलाएं लाखों कमा रही हैं?

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क्या छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में लखपति दीदी योजना से ग्रामीण महिलाएं लाखों कमा रही हैं?

सारांश

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में लखपति दीदी योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं आर्थिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ रही हैं। वे विभिन्न व्यवसायों में सफल हो रही हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय लाखों में पहुंच गई है। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • लखपति दीदी योजना महिलाओं को सशक्त बनाती है।
  • महिलाएं विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
  • आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में महिलाओं का कदम।
  • स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लोन का लाभ।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार।

गरियाबंद, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लखपति दीदी योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता तथा वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे वे सालाना एक लाख रुपए या उससे अधिक की आय प्राप्त कर सकें।

जिला गरियाबंद के छुरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत सरकड़ा की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न व्यवसायों के माध्यम से लखपति बन चुकी हैं। ये महिलाएं लाखों रुपए की वार्षिक आय अर्जित कर स्वालंबन की दिशा में बढ़ रही हैं और अब स्वयं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

लखपति दीदी नर्मदा निषाद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि वे जय मां भवानी स्वयं सहायता समूह से जुड़कर काम कर रही हैं। पहले उन्होंने सिलाई मशीन से कुछ धन अर्जित किया और किराना दुकान खोली। अब वह उस पैसे को ईंट बनाकर कई गुना मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने समूह के माध्यम से लोन लिया और अब सालाना डेढ़ लाख रुपए तक की कमाई कर रही हैं। आज वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।

जय मां लक्ष्मी समूह की लखपति दीदी लीना साहू ने बताया कि उन्होंने समूह से लोन लेकर अपने घर में एक फैंसी स्टोर और किराना दुकान चला रही हैं। इसके साथ ही वे कृषि कार्य भी कर रही हैं और किसान सम्मान निधि प्राप्त कर सालाना डेढ़ लाख रुपए कमा रही हैं। अब वे लखपति दीदी की श्रेणी में आकर अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं।

राधारानी समूह की फुलेश्वरी निषाद ने सब्जी और धान की खेती की और सब्जी बेचकर लखपति दीदी बन गईं। उन्होंने समूह के माध्यम से लोन लेकर हरी सब्जी और धान की खेती कर लाभ कमा रही हैं। अब यही उनकी जीविका बन चुकी है। उन्होंने बताया कि वे सालाना एक लाख रुपए कमा लेती हैं और अपने परिवार के साथ आत्मनिर्भर होकर जीवन यापन कर रही हैं।

क्लस्टर समन्वयक झरना साहू ने कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। लोन के जरिए वे छोटे-छोटे व्यवसाय कर रही हैं और लखपति दीदी योजना के अंतर्गत सभी कार्य आ रहे हैं।

Point of View

यह योजना न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समग्र ग्रामीण विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की ओर अग्रसर कर रही है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

लखपति दीदी योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है।
महिलाएं इस योजना से कैसे लाभान्वित हो रही हैं?
महिलाएं विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता के माध्यम से लाभ उठा रही हैं।
क्या लखपति दीदी योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं?
हाँ, महिलाएं इस योजना के तहत अपने व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
इस योजना से कितनी महिलाएं लाभान्वित हुई हैं?
लाखों ग्रामीण महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं और लाखों रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
क्या इस योजना का भविष्य उज्ज्वल है?
हाँ, यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाकर ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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