क्या लोकसभा में 'वंदे मातरम्' पर चर्चा के दौरान गौरव गोगोई ने कांग्रेस को राष्ट्रगीत का दर्जा देने का श्रेय दिया?

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क्या लोकसभा में 'वंदे मातरम्' पर चर्चा के दौरान गौरव गोगोई ने कांग्रेस को राष्ट्रगीत का दर्जा देने का श्रेय दिया?

सारांश

लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा में गौरव गोगोई ने कांग्रेस के योगदान को उजागर किया। उन्होंने बताया कि यह गीत आजादी की लड़ाई का प्रतीक है और इसके पीछे एक गहरी भावना है। क्या यह गीत आज भी हमारे अंदर साहस और एकता की भावना जगाता है?

Key Takeaways

  • वंदे मातरम् भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक है।
  • कांग्रेस ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा दिया।
  • गौरव गोगोई ने इस गीत के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया।
  • यह गीत आज भी साहस और एकता का प्रतीक है।
  • प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी गई।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा में सोमवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन की गूंज को महसूस करने का है, क्योंकि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई का अभिन्न हिस्सा था।

गोगोई ने आगे कहा, "मैं वंदे मातरम् की 150वीं जयंती पर हो रही इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग ले रहा हूं। बंगाल की पवित्र भूमि में अद्वितीय शक्ति है। यही भूमि हमें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत, दोनों प्रदान करती है। उस समय के कवियों और लेखकों ने ऐसे गीतों की रचना की, जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों में अंग्रेजों के खिलाफ उठ खड़े होने का साहस भरा।"

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि आजादी की लड़ाई के दौरान कई नारे और गीत थे, जिन्होंने क्रांतिकारियों में जोश भरने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 'वंदे मातरम्' को ही राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था।

गोगोई ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि 1905 में बनारस में हुए कांग्रेस अधिवेशन में वंदे मातरम् का सार्वजनिक प्रदर्शन हुआ था। इसी गीत के माध्यम से भारतीयों में आत्मविश्वास और साहस का संचार हुआ।

सांसद गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी का भाषण ध्यान से सुना। ऐसा प्रतीत होता था कि वे यह दर्शाना चाहते हैं कि उनके राजनीतिक पूर्वज ब्रिटिश शासन के खिलाफ सीधी लड़ाई में शामिल थे। उनके बयानों में इतिहास को पुनः लिखने की कोशिश नजर आ रही थी।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर भाषण में पंडित नेहरू का नाम लेते हैं, जबकि आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, पंडित नेहरू पर एक भी दाग नहीं लगा सकते।

गोगोई ने कहा कि वंदे मातरम् ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक था और इसका मूल संदेश यही था कि भारतीय न तो डरेंगे और न झुकेंगे।

उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा, "भारत छोड़ो आंदोलन में आपके राजनीतिक पूर्वज कहां थे? उस समय आप लोग किस आंदोलन में शामिल थे?"

गोगोई ने कहा कि कांग्रेस हमेशा वंदे मातरम् के मूल विचार और भावना का सम्मान करती आई है और भविष्य में भी उसी पथ पर चलेगी। वंदे मातरम् की ऐतिहासिक यात्रा और इसके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को समझना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह गीत भारतीयों की सामूहिक शक्ति और एकता का प्रतीक रहा है।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

वंदे मातरम् का महत्व क्या है?
वंदे मातरम् भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक प्रमुख प्रतीक है, जो आजादी की लड़ाई के दौरान प्रेरणा का स्रोत था।
गौरव गोगोई ने किस विषय पर चर्चा की?
गौरव गोगोई ने लोकसभा में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा की और कांग्रेस के योगदान को बताया।
कांग्रेस ने वंदे मातरम् को क्या दर्जा दिया?
कांग्रेस पार्टी ने वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया था।
क्या वंदे मातरम् का संदेश आज भी प्रासंगिक है?
हाँ, वंदे मातरम् का मूल संदेश आज भी भारतीयों में साहस और एकता की भावना को जागृत करने वाला है।
क्या गौरव गोगोई ने मोदी के भाषण पर टिप्पणी की?
जी हाँ, उन्होंने पीएम मोदी के भाषण पर टिप्पणी की और इतिहास को पुनः लिखने की कोशिश का जिक्र किया।
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