क्या गौतमबुद्धनगर जिला आईजीआरएस फीडबैक में सबसे आगे है?

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क्या गौतमबुद्धनगर जिला आईजीआरएस फीडबैक में सबसे आगे है?

सारांश

गौतमबुद्धनगर ने आईजीआरएस फीडबैक में पहला स्थान हासिल किया है। जानिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों और जिलों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बारे में। क्या यह पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल है?

Key Takeaways

  • गौतमबुद्धनगर ने 98.72% संतोषजनक फीडबैक प्राप्त किया।
  • मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता पर जोर दिया।
  • श्रावस्ती ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।
  • जिलों ने जनता का विश्वास जीता है।
  • जनसुनवाई प्रणाली को सशक्त माध्यम माना गया।

नोएडा, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इसी संदर्भ में जुलाई महीने की इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रीड्रेसल सिस्टम (आईजीआरएस) रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गई।

इस रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि गौतमबुद्धनगर और श्रावस्ती जिलों ने इस बार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जुलाई माह की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और एसपी स्तर पर गौतमबुद्धनगर जिले ने सबसे अधिक 98.72 प्रतिशत संतोषजनक फीडबैक प्राप्त किया और पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया।

वहीं, पीलीभीत 98.23 प्रतिशत संतोष के साथ दूसरे, बलिया 96.04 प्रतिशत के साथ तीसरे, बस्ती 95.43 प्रतिशत के साथ चौथे और श्रावस्ती 95.14 प्रतिशत संतोष के साथ पांचवे स्थान पर रहा। इन जिलों ने समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करके जनता का विश्वास जीता है।

जिलाधिकारी स्तर पर भी श्रावस्ती ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहां 90.2 प्रतिशत शिकायतकर्ताओं ने निस्तारण से संतोष व्यक्त किया। इसके बाद शाहजहांपुर 89.08 प्रतिशत, बलरामपुर 83.44 प्रतिशत, हमीरपुर 82.15 प्रतिशत और बरेली 80.11 प्रतिशत के साथ शीर्ष पांच जिलों में शामिल रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायत जिस अधिकारी से संबंधित हो, उसकी जांच उसी अधिकारी को न सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों की जांच हमेशा उच्चाधिकारियों से कराई जाए ताकि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।

सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी मामले में स्पेशल क्लोज अनुचित पाया जाता है तो उसे प्रस्तावित करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अनिवार्य रूप से की जाए। जिलास्तर पर एडीएम, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, एएसपी, डीसीपी या अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नामित किया जाए जो स्पेशल क्लोज से पहले शिकायतकर्ता से संवाद करके उसे संतुष्ट करने का प्रयास करें।

सीएम योगी ने कहा कि जनसुनवाई प्रणाली सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का सबसे सशक्त माध्यम है। शिकायतों के समाधान में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जवाबदेही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पारदर्शी प्रणाली ही है जिसकी बदौलत जनता का भरोसा सरकार पर लगातार मजबूत हो रहा है।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे प्रभावी प्रशासन और पारदर्शिता के माध्यम से जनता का विश्वास जीता जा सकता है। यह उदाहरण अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

गौतमबुद्धनगर ने आईजीआरएस में कितना फीडबैक प्राप्त किया?
गौतमबुद्धनगर जिले ने 98.72 प्रतिशत संतोषजनक फीडबैक प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिकायतों के निस्तारण के लिए क्या निर्देश दिए?
उन्होंने कहा कि शिकायतों की जांच हमेशा उच्चाधिकारियों से कराई जाए।