क्या गौतमबुद्धनगर में 5 महीने में 74,550 बाइट केस दर्ज हुए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गौतमबुद्ध नगर में 74,550 जानवरों के हमले के मामले हैं।
- आवारा कुत्तों के काटने के 52,714 मामले दर्ज हुए हैं।
- स्वास्थ्य विभाग विशेष टीकाकरण अभियान चलाने की योजना बना रहा है।
- जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
नोएडा, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में पिछले 5 महीनों में लगभग 75,000 जानवरों के हमले के शिकार लोगों के मामले सामने आए हैं। ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं क्योंकि जनवरी 2025 से लेकर मई 2025 तक के बीच ये सभी मामले दर्ज किए गए हैं।
इन मामलों में सबसे अधिक स्ट्रीट डॉग के काटने के मामले हैं, जबकि पालतू कुत्तों के काटने के मामले दूसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 से मई 2025 के बीच जिले में कुल 74,550 लोगों को जानवरों ने अपना शिकार बनाया। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट से प्राप्त हुआ है।
जानकारी के अनुसार, सबसे अधिक हमले आवारा कुत्तों द्वारा किए गए हैं, जिनकी कुल संख्या 52,714 रही। वहीं, पालतू कुत्तों के काटने के 16,474 मामले दर्ज किए गए। इस प्रकार, कुल डॉग बाइट के मामले 69,188 तक पहुंच गए हैं, जो कुल बाइट मामलों का लगभग 93 प्रतिशत है। इसके अलावा, बंदरों द्वारा किए गए हमलों की संख्या 3,833 रही, जबकि बिल्लियों के काटने के 1,179 मामले दर्ज किए गए। अन्य जानवरों द्वारा काटे जाने के 350 केस भी रिपोर्ट हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में अगर नजर डालें तो जनवरी में 13,559 केस, फरवरी में 15,830 केस, मार्च में 15,131 केस, अप्रैल में 15,286 केस, और मई में 14,744 केस सामने आए हैं। इन मामलों में सीएटी-2 श्रेणी के बाइट्स सबसे अधिक हैं, जो 66,973 तक पहुंच गई है, जबकि सीएटी-3 के 7,577 केस रिपोर्ट हुए हैं। सीएटी-1 श्रेणी में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में हो रहे लगातार बदलाव, जैसे असमय बारिश, उमस और गर्मी, जानवरों के व्यवहार में आक्रोश और असहजता पैदा कर रहे हैं। यही वजह है कि वे अधिक हमलावर हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन चिंताजनक आंकड़ों के आधार पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और संबंधित शहरी स्थानीय निकायों के साथ मिलकर हॉट स्पॉट चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा सके। इन हॉट स्पॉट्स में विशेष टीकाकरण अभियान, जनजागरूकता, पशु पकड़ने की मुहिम और आवश्यक चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी जानवर द्वारा काटे जाने की स्थिति में तुरंत प्राथमिक उपचार लेकर अस्पताल पहुंचें।