क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लिया और विष्णुपद मंदिर में पूजा की?

सारांश
Key Takeaways
- गयाजी में पितृपक्ष मेला हर साल आयोजित होता है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया।
- श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- पितृपक्ष के दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
- सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
गयाजी, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को 'मोक्षस्थली' के रूप में प्रसिद्ध गयाजी में पितृपक्ष मेले की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विष्णुपद मंदिर जाकर पूजा-अर्चना भी की। पितृपक्ष के अवसर पर हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से गयाजी आते हैं श्राद्धकर्म और पिंडदान करने के लिए। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार विशेष इंतजाम किए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वयं मेले के क्षेत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी तट पर जाकर व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने रबर डैम और देवघाट का भी जायजा लिया। अधिकारियों से सुरक्षा, स्वच्छता, पेयजल, रोशनी और श्रद्धालुओं की सुविधाओं से जुड़े इंतजामों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि यहां आने वाले पिंडदानियों और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था की जाए और सफाई एवं कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखा जाए, क्योंकि पितृपक्ष मेले में देश और विदेश से लोग आते हैं।
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। गयाजी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में जाकर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। उनके साथ बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित रहे।
आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान बड़ी संख्या में देश और विदेश के लोग पिंडदान के लिए आते हैं। सनातन धर्म में पितरों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान को एक महत्वपूर्ण कर्मकांड माना जाता है।
बिहार का गयाजी इस कार्य के लिए सर्वोत्तम स्थान माना जाता है। इस वर्ष 6 से 22 सितंबर के बीच गया में पितृ पक्ष मेला आयोजित होने जा रहा है। मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।