क्या गाजियाबाद में 'आई लव योगी जी' के पोस्टर ने नया विवाद खड़ा किया?

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क्या गाजियाबाद में 'आई लव योगी जी' के पोस्टर ने नया विवाद खड़ा किया?

सारांश

गाजियाबाद में 'आई लव योगी जी' के पोस्टर लगाए जाने से राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। इन पोस्टरों में योगी आदित्यनाथ को 'हिंदू हृदय सम्राट' कहा गया है, वहीं इसके पीछे 'आई लव मोहम्मद' के विवाद का संदर्भ भी है। जानें इस विषय पर क्या है लोगों की राय।

Key Takeaways

  • गाजियाबाद में 'आई लव योगी जी' के पोस्टर लगाए गए हैं।
  • इन पोस्टरों में योगी आदित्यनाथ को 'हिंदू हृदय सम्राट' बताया गया है।
  • यह अभियान 'आई लव मोहम्मद' के संदर्भ में शुरू हुआ है।
  • यह पोस्टर गाजियाबाद के कई फ्लाइओवर पर लगे हैं।
  • इससे राजनीतिक और धार्मिक चर्चा बढ़ी है।

गाजियाबाद, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुधवार को 'आई लव योगी जी' नाम के पोस्टर लगाए गए। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 'हिंदू हृदय सम्राट' बताया गया है। आगे यह पोस्टर दावा करता है कि पूरे भारत ने 'योगी मॉडल' को बेमिसाल बना दिया है।

इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी को 'निर्भय' बताते हुए कहा गया है कि उनके अंदर ऐसा जिगर है कि वे किसी से भी डरते नहीं हैं। उन्होंने अपने सख्त फैसलों से विपक्ष को बेहाल कर रखा है। ये पोस्टर गाजियाबाद के कई फ्लाइओवर पर लगाए गए हैं। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा हिंदू सेना के महामंत्री गगन दीप शर्मा और जिला सह कोषाध्यक्ष अंकुश पंडित की भी तस्वीरें शामिल हैं। पूरे इलाके में यह पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है।

गौरतलब है कि हाल ही में देश के कई राज्यों में 'आई लव मोहम्मद' का अभियान शुरू किया गया था, जिसका कुछ लोगों ने विरोध किया, जबकि कुछ ने समर्थन किया। इस बीच 'आई लव महाकाल' और 'आई लव योगी जी' जैसे पोस्टर भी लगाए गए हैं।

'आई लव मोहम्मद' अभियान की शुरुआत सितंबर में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से हुई थी। यह ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर आयोजित किया गया था। 4 सितंबर को, रावतपुर क्षेत्र के सैयद नगर में जफर वाली गली के प्रवेश द्वार पर मुस्लिम समुदाय ने सड़क को सजाया। वहां एक लाइटबोर्ड पर 'आई लव मोहम्मद' लिखा गया था, जो पैगंबर के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करता था। हालांकि, यह नारा जल्द ही विवाद का केंद्र बन गया।

9 सितंबर को, लल्लापुरा पुलिस थाने ने नौ नामित और 15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। आरोप था कि उन्होंने सार्वजनिक सड़क पर बैनर लगाए, जो यातायात को बाधित कर रहे थे।

कानपुर में पोस्टर्स हटाए जाने की खबर फैलते ही, पूरे देश में यह अभियान जोर पकड़ने लगा। लोग सोशल मीडिया पर प्रोफाइल फोटो बदलने लगे, स्टिकर्स लगाए और जुलूस निकाले। इत्तेहाद-ए-मिलात काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने भी इसका समर्थन किया।

Point of View

जो समाज में विभाजन की स्थिति को और बढ़ा सकता है। जबकि यह एक समुदाय के प्रति समर्थन का प्रतीक हो सकता है, लेकिन इससे धार्मिक तनाव भी बढ़ सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि समाज में एकता और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाए।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

गाजियाबाद में 'आई लव योगी जी' के पोस्टर क्यों लगाए गए?
ये पोस्टर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में लगाए गए हैं और 'योगी मॉडल' की प्रशंसा करते हैं।
'आई लव मोहम्मद' और 'आई लव योगी जी' में क्या संबंध है?
'आई लव मोहम्मद' के जवाब में 'आई लव योगी जी' जैसे पोस्टर लगाए गए हैं, जो धार्मिक पहचान का प्रतीक हो सकते हैं।