क्या झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर झामुमो के सोमेश सोरेन जीतेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव की मतगणना जारी है।
- सोमेश चंद्र सोरेन की बढ़त ने झामुमो की स्थिति को मजबूत किया है।
- भाजपा के बाबूलाल सोरेन को चुनौती मिल रही है।
- 73.88 प्रतिशत मतदान हुआ।
- हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन के बीच सियासी मुकाबला जारी है।
घाटशिला, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर आयोजित उपचुनाव की मतगणना जारी है। दोपहर दो बजे तक 11 राउंड की काउंटिंग पूरी की जा चुकी है और झामुमो के उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन बड़ी जीत की ओर अग्रसर दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन पर 22,095 वोटों की शानदार बढ़त बना ली है। शुरुआती दौर से ही झामुमो बढ़त में रहा है और हर चरण में अंतर बढ़ता जा रहा है। यह उपचुनाव दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन के कारण कराया गया था। पार्टी ने उनके पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को प्रत्याशी बनाया, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा।
राजनीतिक दृष्टि से इस सीट पर मुकाबला हेमंत सोरेन बनाम चंपई सोरेन के रूप में देखा जा रहा है। दोनों का राजनीतिक करियर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ जुड़ा रहा, लेकिन पिछले साल चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद झामुमो से दूरी बना कर भारतीय जनता पार्टी को जॉइन किया।
इस उपचुनाव में झामुमो ने दिवंगत विधायक रामदास सोरेन की राजनीतिक विरासत और हेमंत सोरेन सरकार के कार्यों के आधार पर वोट मांगे, जबकि भाजपा को चंपई सोरेन की पकड़ और संगठन की मजबूती पर विश्वास था। घाटशिला सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच ही हो रहा है।
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने मुकाबले का तीसरा कोण बनने की कोशिश की, लेकिन रुझानों में उनका प्रभाव सीमित नजर आ रहा है। इस सीट पर 11 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 73.88 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।