क्या गाजियाबाद में साइबर फ्रॉड गिरोह बेनकाब हो गया? बीमा और बिटकॉइन के नाम पर ठगी, 5 गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी के मामलों में सतर्कता महत्वपूर्ण है।
- बीमा के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं।
- लोगों को अनजान कॉल से सावधान रहना चाहिए।
- पुलिस की कार्रवाई से एक बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ है।
- साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है।
गाजियाबाद, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गाजियाबाद के साइबर क्राइम थाना की टीम ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का खुलासा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को विभिन्न बीमा कंपनियों का प्रतिनिधि या बीमा लोकपाल बताकर लोगों से संपर्क करते थे। ये लोगों को बीमा पॉलिसी में अधिक लाभ दिलाने का वादा करते थे और फिर उनसे बिटकॉइन में निवेश करने के नाम पर ठगी करते थे।
पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 5 मोबाइल फोन, एक लैंडलाइन डिवाइस, दो चेक, एक एटीएम कार्ड, एक महंगी कार और 1.83 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अब तक कुल 44 लाख रुपए की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। पुलिस उपायुक्त धवल जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम रवि प्रताप, विकास कुमार, नवीन, अनुज और गुंजन हैं। इन सभी का आपराधिक इतिहास भी है और पुलिस उनकी पृष्ठभूमि की जांच कर रही है।
आरोपियों ने पहले विभिन्न कॉल सेंटर्स में काम किया था, जिससे उन्हें बीमा धारकों का डेटा हासिल हुआ। इस डेटा का उपयोग करके ये लोग लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें बताते थे कि उनकी बीमा पॉलिसी की राशि को बिटकॉइन में बदला जा रहा है, लेकिन इसके लिए कुछ रजिस्ट्रेशन शुल्क और अन्य प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी। लालच में आकर जब पीड़ित रकम भेजते थे, तो आरोपी उनसे संपर्क बंद कर देते थे।
इन लोगों ने नकली वेबसाइटें भी बनाई थीं, जो बीमा कंपनियों की वेबसाइटों जैसी दिखती थीं, ताकि लोग उनसे संपर्क करें। साइबर थाना पुलिस की इस सफलता पर टीम को 25,000 रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया गया है। पुलिस अब आरोपियों के पुराने मामलों और अन्य पीड़ितों की जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है।