क्या गाजियाबाद से अपहृत शशांक गुप्ता को सुरक्षित बरामद कर लिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- शशांक गुप्ता का अपहरण 9 सितंबर को हुआ था।
- पुलिस ने 15 सितंबर को उसे सुरक्षित बचा लिया।
- पांच अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
- फिरौती की मांग 4 करोड़ रुपए थी।
- मुख्य आरोपी निमय शर्मा था।
ग्रेटर नोएडा, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना पुलिस, स्वाट टीम गौतमबुद्धनगर, ईकोटेक-1 और बीटा-2 थाना की संयुक्त कार्रवाई में गाजियाबाद से अपहृत शशांक गुप्ता को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस दौरान पुलिस और अपहरणकर्ताओं के बीच मुठभेड़ भी हुई, जिसमें दो बदमाश घायल हो गए और कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार, 9 सितंबर को शशांक गुप्ता को कुछ अज्ञात लोगों ने बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया था। उनकी कार यमुना एक्सप्रेस-वे पर लावारिस हालत में मिली थी। अपहरणकर्ताओं ने शशांक के परिवार से 4 करोड़ रुपए फिरौती मांगी थी। 14 सितंबर को अपहरणकर्ताओं ने शशांक के पिता से जेवर इलाके के रामनेर रजवाहा गांव के पास फिरौती लेने की डील की।
पुलिस को मिली सूचनाओं और तकनीकी मदद से इलाके को घेर लिया गया। इसी दौरान पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। जवाब में पुलिस ने गोली चलाई, जिससे आरोपी मोहित गुप्ता और आलोक यादव के पैर में गोली लगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी तीन आरोपियों- निमय शर्मा, श्याम सुंदर और सुमित कुमार को भी तलाशी अभियान के बाद पकड़ लिया गया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि मुख्य आरोपी निमय शर्मा टूर एंड ट्रैवल्स का काम करता था और उस पर बहुत कर्ज था। उसने अपने दोस्त आलोक यादव (जो खुद भी कर्जदार था) के साथ मिलकर शशांक के अपहरण की योजना बनाई। दोनों ने अपनी परिचित निशा उर्फ प्रीति को भी इसमें जोड़ा, जिसने शशांक से फोन पर दोस्ती की और 9 सितंबर को मिलने के बहाने बुलाया। शशांक को कार से उतारकर आरोपियों ने दूसरी गाड़ी में बैठाया और कन्नौज के छिबरामऊ इलाके के एक खाली मकान में बंद कर दिया। वहीं से चोरी किए गए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर परिवार वालों से 4 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई।
पुलिस ने बताया कि फरार आरोपी अंकित और निशा उर्फ प्रीति की तलाश जारी है। पुलिस ने आरोपियों से अपहरण में इस्तेमाल कार, दो तमंचे, तीन जिंदा और दो खोखा कारतूस, फिरौती मांगने वाले मोबाइल फोन और सिम बरामद किए हैं।