क्या जीआईएमएस वेस्ट यूपी का ‘एसजीपीजीआई’ बनेगा? सुपर स्पेशियलिटी कोर्स और विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी

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क्या जीआईएमएस वेस्ट यूपी का ‘एसजीपीजीआई’ बनेगा? सुपर स्पेशियलिटी कोर्स और विजन डॉक्यूमेंट को मंजूरी

सारांश

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में जीआईएमएस के उन्नयन और नए सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों की स्वीकृति ने स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई उम्मीद जगाई है। जानें इसके पीछे की कहानी और इसके महत्व को।

Key Takeaways

  • जीआईएमएस का उन्नयन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का संकेत है।
  • नए सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों की स्वीकृति महत्वपूर्ण है।
  • संस्थान ने एनएबीएच और एनएबीएल मान्यता प्राप्त की है।
  • रोबोटिक सर्जरी और सटीक चिकित्सा सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी।
  • 10 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट का उद्देश्य दीर्घकालिक विकास है।

लखनऊ, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जीआईएमएस), ग्रेटर नोएडा के उन्नयन को मंजूरी मिल गई है। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में हुई संस्थान की 10वीं शासी निकाय बैठक में सिर्फ नए सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई, बल्कि जीआईएमएस को अगले दशक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एसजीपीजीआई बनाने की रूपरेखा पर भी मुहर लगी।

बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग और उन्नत उपचार सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए संस्थान के अधोसंरचना विस्तार एवं क्षमता वृद्धि प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। मेडिकल कॉलेज परियोजना के दूसरे चरण के लिए धनराशि भी मंजूर की गई, जिसके अंतर्गत जीएनआईडीए द्वारा जीबी विश्वविद्यालय को आवंटित 56 एकड़ भूमि पर मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जाएगा।

शासी निकाय ने यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन और पीडियाट्रिक सर्जरी में सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम (डीएम/एमसीएच/डीएनबी) प्रारंभ करने की अनुमति दी। इसके साथ ही नियोनेटोलॉजी, पेन मेडिसिन, रीजनल एनेस्थीसिया, डेंटल सर्जरी और क्रिटिकल केयर में फेलोशिप को भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई।

बैठक में राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन रक्षक (एनईएल) प्रशिक्षण केंद्र और जीआईएमएस विद्या सेतु-स्वास्थ्य कौशल विकास इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इस इकाई के अंतर्गत गहन देखभाल, मैकेनिकल वेंटिलेशन और नर्सिंग मॉड्यूल से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

जीआईएमएस द्वारा प्रस्तुत 10 वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट को सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए मुख्य सचिव ने इसके क्रियान्वयन के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित कुमार घोष ने संस्थान में रोबोटिक सर्जरी और सटीक चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया।

इस अवसर पर निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश के. गुप्ता ने बताया कि संस्थान ने अल्प अवधि में एनएबीएच और एनएबीएल मान्यता प्राप्त कर उत्कृष्टता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जीआईएमएस का उन्नयन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता है, और यह कदम निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सशक्त बनाएगा।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

जीआईएमएस का क्या महत्व है?
जीआईएमएस का महत्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को सुनिश्चित करने में है।
सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम कब शुरू होंगे?
सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम जल्द ही संस्थान में शुरू होने की उम्मीद है।
क्या जीआईएमएस को एनएबीएच मान्यता मिली है?
हां, जीआईएमएस ने अल्प समय में एनएबीएच और एनएबीएल मान्यता प्राप्त की है।
जीआईएमएस में कौनसी नई सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी?
जीआईएमएस में रोबोटिक सर्जरी और सटीक चिकित्सा सुविधाएँ जोड़ी जाएँगी।
जीआईएमएस का विजन डॉक्यूमेंट क्या है?
यह एक 10 वर्षीय योजना है जो संस्थान की भविष्य की दिशा को निर्धारित करती है।