क्या लालू यादव ने बिहार को 'चरवाहा विद्यालय' में तब्दील किया? : गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह का लालू यादव पर हमला
- बिहार में चुनावी माहौल गरम
- तेजस्वी यादव का स्कॉटलैंड वाला बयान
- बिहार बंद की राजनीति में उठापटक
- राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
बेगूसराय, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। इस संदर्भ में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर हमला किया।
गिरिराज सिंह ने गुरुवार को बिहार के बेगूसराय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के राजद अध्यक्ष बनने का मतलब यह है कि यह कोई लोकतांत्रिक पार्टी नहीं है, बल्कि यह टाटा या बिरला जैसी एक कंपनी है, जहां एमडी और सीएमडी केवल परिवार के लोग होते हैं। उन्होंने लालू यादव को सीएमडी और तेजस्वी यादव को एग्जीक्यूटिव एमडी के रूप में वर्णित किया। साथ ही, पार्टी में राबड़ी देवी, उनकी बेटी और अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं।
तेजस्वी यादव द्वारा बिहार को स्कॉटलैंड बनाने के बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू यादव ने बिहार को 'चरवाहा विद्यालय' में बदल दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि अब बिहार में हर जिले में मेडिकल कॉलेज, आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेज खुल रहे हैं, जो राज्य के विकास का प्रतीक हैं। गिरिराज सिंह ने यह दावा किया कि जनता ने ऐसे लोगों को नकार दिया है जो गरीबों के नाम पर राजनीति करते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। इसके खिलाफ विपक्ष ने बुधवार को बिहार बंद का आयोजन किया था, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विधानसभा के नेता तेजस्वी यादव सहित कई नेता सड़क पर उतरे। जहां इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने बिहार बंद को सफल बताया, वहीं भाजपा ने इसे असफल करार दिया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए गए बिहार बंद को पूरी तरह से असफल बताया है। उन्होंने विपक्ष पर बिहार को बदनाम करने और बिना किसी ठोस मुद्दे के जनता को परेशान करने का आरोप लगाया। राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर रेल रोक रहे हैं, स्कूल बसों और एम्बुलेंस को रोक रहे हैं और कई जगह आगजनी जैसी घटनाएं कर रहे हैं। विपक्ष के पास न तो बिहार सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा है और न ही केंद्र सरकार के खिलाफ। महागठबंधन को आगामी चुनाव में हार का डर सता रहा है, इसलिए वे चुनाव आयोग को निशाना बना रहे हैं।