क्या गिरिराज सिंह ने स्वामी रामभद्राचार्य के बयान का समर्थन किया और ममता बनर्जी पर निशाना साधा?

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने स्वामी रामभद्राचार्य के बयान का समर्थन किया।
- हिंदुओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक होने की सलाह दी गई।
- ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- ‘द बंगाल फाइल्स’ को एक जरूरी दस्तावेज बताया गया।
- आतंकवाद के बदलते स्वरूप पर चिंता जताई गई।
बेगूसराय, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में स्वामी रामभद्राचार्य के बयान का समर्थन करते हुए हिंदुओं से अपनी संस्कृति और शास्त्रों के साथ जागने का आह्वान किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे के दौरान हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले सोहराब वर्दी से की।
गिरिराज सिंह ने स्वामी रामभद्राचार्य को हिंदू धर्म का प्रमुख धर्मगुरु बताते हुए कहा कि उन्होंने पुनौरा धाम को माता सीता की जन्मस्थली के रूप में स्वीकार किया है, जिसे दुनिया ने भी माना है।
उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य के बयान का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुओं को अब जागना होगा और अपनी संस्कृति, शास्त्र और शस्त्र के साथ एकजुट रहना होगा।
उन्होंने कहा, "द बंगाल फाइल्स ने यह साफ कर दिया कि 1946 में जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन डे के दौरान सोहराब वर्दी ने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे। आज ममता बनर्जी उसी भूमिका में हैं, जो मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के खिलाफ कत्लेआम करा रही हैं। हिंदुओं को एकता बनाए रखने के साथ जागरूक होना होगा।"
सीमांचल में पीएफआई के एक आतंकी की हालिया गिरफ्तारी पर बोलते हुए गिरिराज ने कहा कि गजवा-ए-हिंद का सपना देखने वाले आतंकी संगठन बार-बार रूप बदल रहे हैं। पहले सिमी, फिर पीएफआई और अब अन्य रूपों में सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा, "चाहे किशनगंज हो या देश का कोई अन्य हिस्सा, ये आतंकी बच नहीं पाएंगे।"
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर तंज कसते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, "तेजस्वी यादव 243 सीटों पर लड़ें या कांग्रेस 500 सीटों पर, एनडीए को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चट्टानी एकता के साथ सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और बिहार में सरकार बनाएगा।"
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'द बंगाल फाइल्स' की तारीफ करते हुए कहा कि यह फिल्म आजादी के बाद की पीढ़ी के लिए एक जरूरी दस्तावेज है। इस फिल्म में भारत के बंटवारे का सच दर्शाया गया है, जिसे नई पीढ़ी को जरूर देखना चाहिए। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे इस फिल्म को देखें और इतिहास के उन पहलुओं को समझें, जो आज भी समाज को प्रभावित करते हैं।