क्या गोवा नाइटक्लब अग्निकांड में लूथरा ब्रदर्स को कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- लूथरा भाइयों को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दी गई है।
- गोवा पुलिस ने उन्हें थाईलैंड से भारत डिपोर्ट किया था।
- घटना की जांच के लिए 100 से अधिक लोगों से बयान लिए गए हैं।
- जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं।
- अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन रेस्टोरेंट' में आग लगने की घटना में रेस्टोरेंट के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को पटियाला हाउस कोर्ट ने 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड दी। गोवा पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी।
सूचना के अनुसार, लूथरा भाइयों को गोवा पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट लाई थी, जहाँ उन्हें थाईलैंड से भारत वापस लाया गया था। गोवा पुलिस ने एयरपोर्ट पर ही दोनों को गिरफ्तार किया। इससे पहले, पुलिस ने दोनों को मेडिकल जांच के लिए भेजा था।
नॉर्थ गोवा के एक नाइटक्लब में हुए इस अग्निकांड में लूथरा भाइयों को थाईलैंड में हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को उन्हें दिल्ली लाया गया। एयरपोर्ट पर आग से प्रभावित 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्लब के मालिक सौरभ और गौरव मास्क पहने हुए दिखाई दिए। गोवा पुलिस ने आरोपियों की तस्वीरें जारी की हैं।
दिल्ली पहुंचते ही गोवा पुलिस ने दोनों भाइयों को हिरासत में लिया। इससे पहले, थाई अधिकारियों ने भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर लूथरा भाइयों को हिरासत में लिया था।
गोवा हादसे में पुलिस आबकारी विभाग के अधिकारियों के बयान भी दर्ज कर रही है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय निकाय से जुड़े व्यक्तियों के बयान भी जांच के दायरे में हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं।
उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए गठित मजिस्ट्रेट जांच समिति ने संपत्ति के मूल मालिक प्रदीप घड़ी अमोणकर से भी पूछताछ की है।
सूत्रों के अनुसार, समिति ने जांच में शामिल होने के लिए 100 से अधिक लोगों को बुलाया है और अब तक कम से कम 20 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
11 दिसंबर को दिल्ली की एक अदालत ने लूथरा भाइयों की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
सुनवाई के दौरान, गोवा पुलिस के वकील अभिनव मुखर्जी ने तर्क दिया कि दोनों आरोपियों ने व्यापार में अपनी न्यूनतम भागीदारी का गलत दावा किया था और यह कहा था कि उनकी विदेश यात्रा पहले से तय थी। पुलिस ने इन दावों का खंडन करने के लिए कई दस्तावेज पेश किए, जिनमें सौरभ लूथरा द्वारा दायर एफएसएसएआई और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आवेदन तथा जीएसटी रिकॉर्ड शामिल थे, जिसमें दोनों भाइयों और अजय गुप्ता को व्यापार में भागीदार के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।