क्या ग्रेटर नोएडा के हॉस्टल में हुई गोलियों ने छात्रों को दहशत में डाल दिया?

सारांश
Key Takeaways
- गोलियों की इस घटना ने हॉस्टल में सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
- पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
- छात्रों में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
- हथियारों की मौजूदगी ने प्रबंधन की जिम्मेदारी को उजागर किया है।
- इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
ग्रेटर नोएडा, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 में स्थित विद्या विहार हॉस्टल में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में गोलियां चलीं। इस घटना में एक छात्र की मौत हो गई, जबकि दूसरा छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, आंध्र प्रदेश के निवासी छात्र दीपक कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दोस्त और सहपाठी देवांश चौहान गंभीर रूप से घायल हो गए। देवांश को एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों छात्र पीजीडीएमए के प्रथम वर्ष के विद्यार्थी थे और लंबे समय से एक ही कमरे में रह रहे थे।
पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि एक छात्र ने दूसरे पर गोली चलाई और फिर खुद को भी गोली मार ली। जैसे ही सूचना मिली, नॉलेज पार्क थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हॉस्टल के कमरे को सील कर दिया।
पुलिस ने मौके से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर, चार जिंदा कारतूस, एक खोखा, लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किया है। कमरे की दीवारों पर भी गोली के निशान मिले हैं। पुलिस अधिकारी मानते हैं कि यह मामला आपसी झगड़े का हो सकता है, लेकिन असली कारणों का पता लगाने के लिए फोरेंसिक टीम और पुलिस की विशेष जांच इकाई को लगाया गया है।
इस घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाले छात्रों में डर और दहशत का माहौल है। छात्र इस घटना के बाद खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हथियार हॉस्टल के अंदर कैसे पहुंचा? प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।