क्या ग्रेटर नोएडा में कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही के चलते दो सोसायटी पर 40 हजार का जुर्माना हुआ?

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क्या ग्रेटर नोएडा में कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही के चलते दो सोसायटी पर 40 हजार का जुर्माना हुआ?

सारांश

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की दो सोसायटी पर कूड़ा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने के लिए भारी जुर्माना लगाया गया है। जानिए इस मामले में क्या हुआ और प्राधिकरण ने किस प्रकार की कार्रवाई की है। यह जानकारी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • कूड़ा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया है।
  • प्राधिकरण ने सख्त कदम उठाए हैं।
  • कचरे का उचित प्रबंधन सभी की जिम्मेदारी है।
  • गौरवर्णन के लिए यह एक गंभीर समस्या है।
  • भविष्य में नियमों के उल्लंघन पर और जुर्माना होगा।

ग्रेटर नोएडा, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की दो प्रमुख सोसायटी पर कूड़ा प्रबंधन नियमों का पालन नहीं करने के कारण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने 40,400 रुपए का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत की गई।

जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सेक्टर-16, सेक्टर-16बी और सेक्टर-4 की कई सोसायटी का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने रतन पर्ल, केबी नोज, गुलशन बेलिना, निराला एस्पायर और आस्था ग्रीन सोसायटी की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति-2016 के अंतर्गत जांच की।

निरीक्षण के दौरान गुलशन बेलिना और निराला एस्पायर सोसायटी में कचरा प्रबंधन के नियमों का पालन किया जाता पाया गया। वहीं, सेक्टर-16 स्थित केबी नोज और सेक्टर-4 की आस्था ग्रीन सोसायटी में कचरे का उचित प्रबंधन न होने की पुष्टि हुई। लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने केबी नोज सोसायटी पर 20,400 रुपए और आस्था ग्रीन सोसायटी पर 20,200 रुपए का जुर्माना लगाया।

टीम ने दोनों सोसायटी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भविष्य में भी गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग न रखने, कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण न करने और गार्बेज को इधर-उधर फेंकने जैसी लापरवाही पाई गई, तो उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।

प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने सभी बल्क वेस्ट जेनरेटरों से अपील की है कि वे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का पालन करें और अपने परिसर में कूड़े का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा तेजी से विकसित होता क्षेत्र है और यहां की सोसायटी में बढ़ती आबादी के साथ कचरे का दबाव भी बढ़ा है। ऐसे में कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी केवल प्राधिकरण की ही नहीं बल्कि निवासियों और सोसायटी प्रबंधन समितियों की भी है। यदि समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

Point of View

बल्कि यह समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी को आवश्यक बनाता है। ग्रेटर नोएडा की बढ़ती जनसंख्या और कचरे की समस्या हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें सामूहिक रूप से इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान नहीं करेंगे, तो यह हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

ग्रेटर नोएडा में कूड़ा प्रबंधन के नियम क्या हैं?
ग्रेटर नोएडा में कूड़ा प्रबंधन के नियमों का पालन करते हुए गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखना और वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निस्तारण करना आवश्यक है।
कौन सी सोसायटी पर जुर्माना लगाया गया?
जुर्माना केबी नोज और आस्था ग्रीन सोसायटी पर लगाया गया है।
जुर्माना कितना है?
केबी नोज सोसायटी पर 20,400 रुपए और आस्था ग्रीन सोसायटी पर 20,200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
क्या भविष्य में और जुर्माना लगाया जा सकता है?
जी हां, यदि नियमों का उल्लंघन जारी रहा तो भविष्य में और भी भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
कूड़ा प्रबंधन के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
सभी निवासियों को कचरे का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए और सोसायटी प्रबंधन समितियों को नियमों का पालन कराना चाहिए।