क्या ग्रेटर नोएडा में स्टंट करना महंगा पड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- स्टंटबाजी कानून के खिलाफ है।
- युवाओं को सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
- लाखों का चालान और गाड़ियों का सीज होना सामान्य बात नहीं है।
- सोशल मीडिया पर स्टंट के वीडियो डालना खतरनाक है।
ग्रेटर नोएडा, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा में कुछ युवाओं की कार से स्टंटबाजी इतनी महंगी साबित हुई कि उन्हें लाखों रुपए का चालान भुगतना पड़ा, उनकी गाड़ियां सीज की गईं और उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी। रील बनाने के चक्कर में यह युवा न केवल अपने, बल्कि दूसरों की जान को भी खतरे में डालकर स्टंट करते हुए दिखाई दिए। जैसे ही इनका वीडियो सामने आया, पुलिस ने तुरंत कड़ा कदम उठाया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक स्टंटबाजी के वीडियो में कुछ युवक कारों से लटकते हुए बीच सड़क पर खतरनाक स्टंट करते नजर आ रहे थे। इस वीडियो को ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान में लेते ही त्वरित कार्रवाई शुरू की।
वीडियो की जांच के बाद थाना नॉलेज पार्क में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान उदय प्रताप सिंह, निवासी सोंगरा, थाना अकराबाद, जिला अलीगढ़ (वर्तमान पता – प्रताप विहार, गाजियाबाद), शिवम पटेल, निवासी अल्फा-1, थाना बीटा-2 और प्रिंस भारद्वाज, निवासी बनवारीवास, थाना जेवर के रूप में हुई है।
इन युवाओं ने ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर सार्वजनिक यातायात को खतरे में डालते हुए नियमों की धज्जियां उड़ाई थीं। वीडियो में जिन कारों से स्टंट किए जा रहे थे, उनकी पहचान कर ली गई है। पुलिस ने तीनों कारों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 207 के तहत सीज कर दिया है।
वीडियो सामने आने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो गाड़ियों पर भारी चालान लगाया। एक गाड़ी पर ₹63,500 और दूसरी पर ₹57,500 का चालान काटा गया है। पुलिस अधिकारियों ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा है कि इस तरह की स्टंटबाजी न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे आम जनता की जान भी खतरे में पड़ सकती है। इस प्रकार की घटनाओं को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया पर वाहनों से स्टंट करने के वीडियो डालना कानून के खिलाफ है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।