क्या जीएसटी 2.0 का असर दिख रहा है? कम एमआरपी और ज्यादा वजन वाले नए पैकेट दिसंबर तक आएंगे: पारले

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
- पारले के नए पैकेट दिसंबर में आएंगे।
- कम एमआरपी वाले पैकेट्स से खरीदारी में आसानी होगी।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधार लागू होने के बाद, देश की प्रमुख फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनी पारले के नए पैकेट जिनका एमआरपी कम और वजन ज्यादा होगा, दिसंबर तक बाजार में उपलब्ध होंगे। यह जानकारी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह ने साझा की।
एनडीटीवी प्रॉफिट के इग्नाइट कॉन्क्लेव में बोलते हुए शाह ने कहा कि जीएसटी सुधार के बाद एफएमसीजी कंपनियों के लिए कीमतों में बदलाव करना सरल नहीं रहा है। टैक्स में कमी के बाद पैकेट के आकार, वजन और कीमत को लेकर कुछ गड़बड़ स्थिति उत्पन्न हुई है। इस पर विस्तार से चर्चा की गई है और आमतौर पर एफएमसीजी कंपनियों को अपने उत्पादों के पैकेज में बदलाव करने में लगभग डेढ़ से दो महीने का समय लगता है।
शाह ने नए पैकेट की टाइमलाइन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पहले चरण में बड़े और ज्यादा एमआरपी वाले पैकेट्स की एमआरपी को कम किया जाएगा। उसके बाद छोटे पैकेट, जिनकी बाजार में हिस्सेदारी लगभग 60-70 प्रतिशत है, में बदलाव किया जाएगा। यह ग्राहकों को नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में धीरे-धीरे दिखाई देने लगेगा।
कम एमआरपी वाले उत्पादों पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि 5 रुपए वाला पैकेट 4.5 रुपए और 10 रुपए वाला पैकेट 9 रुपए का हो सकता है।
नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर को लागू हुए थे। इसके तहत, सरकार ने दैनिक उपभोग की वस्तुओं से लेकर गाड़ियों पर टैक्स में भारी कटौती की थी।
इस महीने की शुरुआत में 15वीं फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन और अर्थशास्त्री एनके सिंह ने कहा कि जीएसटी सुधार से देश के आम नागरिकों को बढ़ी राहत मिली है। इससे उनकी परचेसिंग पावर बढ़ी है और साथ ही व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिला है।
सिंह ने कहा, "जीएसटी सुधार का असर दिखने लगा है। इससे परचेसिंग पावर बढ़ी है और आम आदमी को राहत मिली है। इससे बिजनेस और निवेश के माहौल में भी जरूरी सुधार हुआ है और व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिला है।"
उन्होंने आगे कहा, "देश पास एक ऐसा बड़ा बाजार है, जो अभी भी अनछुआ है और यह निजी निवेश और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बड़ा अवसर पेश करता है।"