क्या जीएसटी 2.0 सुधार भारत के विकास चक्र में निर्णायक उपभोग-आधारित बदलाव लाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- उपभोग को बढ़ावा
- अर्थव्यवस्था का औपचारिकीकरण
- कम नियामकीय बोझ
- जीएसटी परिषद की बैठक
- मार्केट सेंटीमेंट
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन, जिनकी घोषणा कल होने की संभावना है, भारत के विकास चक्र में एक अभूतपूर्व, उपभोग-आधारित परिवर्तन लाएंगे। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
यह कल्याणकारी व्यय और मौद्रिक ढील जैसे पहले के प्रोत्साहन उपायों को और बढ़ावा देगा और औपचारिकीकरण जैसे द्वितीयक लाभ भी प्रदान करेगा।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आय चक्र अपने निम्नतम स्तर पर है और यह एक अपग्रेड साइकल के आरंभ होने का उत्प्रेरक हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हम सितंबर के निफ्टी के लक्ष्य को 28,000 पर बनाए रखेंगे और विवेकाधीन (डिस्क्रिशनरी) पर अपना सबसे बड़ा ओवरवेट बनाए रखेंगे। इस चक्र को चलाने का सबसे अच्छा तरीका ऑटो इकोसिस्टम - ओईएम, सहायक उपकरण और ऋणदाता - के माध्यम से है।"
इसके अलावा, "हमें उम्मीद है कि जीएसटी 2.0 एक बड़ा बदलाव लाने वाला सुधार होगा, न कि केवल वृद्धिशील समायोजन।"
इसके तीन लाभ हैं- उपभोग को तत्काल बढ़ावा, अर्थव्यवस्था का त्वरित औपचारिकीकरण, कम नियामकीय बोझ से बेहतर दक्षता।
रिपोर्टों के अनुसार, 56वीं जीएसटी परिषद ने दरों को रेशनलाइज करने और जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर शुल्क में कटौती के प्रस्तावों पर चर्चा शुरू कर दी है। दरों की अधिसूचना सितंबर के तीसरे सप्ताह तक जारी होने की संभावना है।
उपभोक्ता और उद्योग जगत जीएसटी परिषद द्वारा जीएसटी दरों को रेशनलाइज बनाने के लंबे समय से पेंडिंग मुद्दे पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
यह एक ऐसा कदम है जिससे दैनिक आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ प्रीमियम उत्पादों की कीमतों में भारी कमी आ सकती है।
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, निकट भविष्य में, मार्केट सेंटीमेंट जीएसटी परिषद की बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगी, जिसमें उपभोग-उन्मुख शेयरों और क्षेत्रों पर जोर रहेगा।
आगामी जीएसटी 2.0 सुधार कंज्यूमर सेंटीमेंट को बढ़ावा देंगे, मांग को बढ़ावा देंगे और अनुपालन को सरल बनाएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजीत मिश्रा के अनुसार, जीएसटी परिषद की बैठक को लेकर आशावाद के चलते बुधवार को बाजार में तेजी आई और आधे प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
उन्होंने कहा, "प्रतिभागियों को जीएसटी परिषद के नतीजों पर स्पष्टता का इंतजार है, इसलिए हमारा मानना है कि सूचकांक अभी भी कंसोलिडेशन के दौर में है। जीएसटी परिषद की कोई भी अनुकूल घोषणा निकट भविष्य में उत्प्रेरक का काम कर सकती है।"