क्या जीएसटी कटौती से देश में समग्र आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा?

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क्या जीएसटी कटौती से देश में समग्र आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा?

सारांश

एनएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने जीएसटी स्लैब में कमी को लेकर सरकार के निर्णय का समर्थन किया है। उनका मानना है कि इससे लोगों के हाथ में अधिक पैसे आएंगे, जिससे खर्च में बढ़ोतरी होगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जानें इस ऐतिहासिक कदम के महत्व को।

Key Takeaways

  • जीएसटी स्लैब में कमी से कर अनुपालन में सुधार होगा।
  • कम कर दरों से लोगों के हाथ में अधिक पैसे आएंगे।
  • यह निर्णय अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा में ले जाएगा।
  • सिस्टम को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
  • भारत की जीडीपी विकास दर को 8 प्रतिशत से अधिक तक पहुंचाने में सहायक होगा।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने गुरुवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ढांचे को सरल बनाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कम कर दरों से लोगों के हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिसके चलते वे अधिक खर्च करेंगे और इससे अर्थव्यवस्था में एक सकारात्मक चक्र उत्पन्न होगा।

चौहान ने जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी।

उन्होंने कहा, "उचित करों से बेहतर अनुपालन सुनिश्चित होगा और कर चोरी में कमी आएगी। यह सुधार देश में समग्र आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।"

एनएसई प्रमुख ने आगे कहा कि यह निर्णय न केवल प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि आने वाले वर्षों में भारत के लिए 8 प्रतिशत से अधिक की जीडीपी विकास दर का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

चौहान ने कहा, "मेरा हमेशा से मानना रहा है कि उचित करों से कर अनुपालन बढ़ता है और कर चोरी में भारी कमी आएगी। इसलिए, दरों में कुल मिलाकर कमी से जटिलता कम होगी, जिसका अब निर्णय लिया गया है।"

उन्होंने याद दिलाया कि 2017 में जीएसटी लागू करना अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम था और हालिया रेशनलाइजेशन भारत की आर्थिक विकास की कहानी को मजबूत करेगा।

उन्होंने आगे कहा, "वास्तव में, 2017 में जीएसटी लागू करना अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम था और यह विशेष निर्णय यह सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित होगा कि भारत अब लगभग 8 प्रतिशत से अधिक की जीडीपी विकास दर हासिल कर सके।"

इस बीच, बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को समाप्त कर दिया और अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के स्लैब को बरकरार रखा गया है। नया स्ट्रक्चर 22 सितंबर से लागू होगा।

नए बदलावों के तहत, हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस जैसी व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं पर कर की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।

इसके अलावा, नमकीन, भुजिया, मिक्चर और चबेना जैसे पैकेज्ड स्नैक्स को भी पहले के 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

Point of View

मेरा मानना है कि जीएसटी में कटौती से न केवल कर अनुपालन में सुधार होगा बल्कि यह देश की समग्र आर्थिक गतिविधियों को भी गति प्रदान करेगा। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है और हमें इसे सही तरीके से लागू करना चाहिए।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी कटौती का क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी कटौती से लोगों के हाथ में अधिक पैसे आएंगे, जिससे वे अधिक खर्च करेंगे और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
नए जीएसटी स्लैब कब लागू होंगे?
नया जीएसटी स्ट्रक्चर 22 सितंबर से लागू होगा।