क्या जीएसटी कटौती से हर वर्ग को लाभ होगा और स्वदेशी से विकसित भारत का सपना साकार होगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी की कटौती से सभी वर्गों को लाभ होगा।
- स्वदेशी अपनाने से स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी।
- आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
- यह मुहिम एमएसएमई को भी मजबूत करेगी।
- मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी।
नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'जीएसटी बचत उत्सव' के अंतर्गत स्वदेशी पहल को बढ़ावा देते हुए सोमवार को भाजपा सांसदों ने जनता से स्वदेशी अपनाने की अपील की है ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से किसान से लेकर व्यापारी तक सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
ओडिशा से राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, "हम इस मुहिम के तहत लोगों से स्वदेशी को अपनाने की अपील कर रहे हैं, ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सके। देश में उत्पादित वस्तुओं की अधिकतम बिक्री जरूरी है। आत्मनिर्भर भारत के बिना विकसित भारत का निर्माण संभव नहीं।"
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने भी एक समय स्वदेशी का नारा देकर देश को स्वतंत्रता दिलाई थी, और अब पीएम मोदी ने इसे विकसित राष्ट्र और हर हाथ को रोजगार देने के लिए प्रस्तुत किया है। इसमें पूरे देशवासियों की भागीदारी आवश्यक है।
सुजीत कुमार, जो 2020 से राज्यसभा में हैं, ने ओडिशा के विकास पर जोर देते हुए कहा कि स्वदेशी से स्थानीय उद्योग मजबूत होंगे।
उधर, छत्तीसगढ़ से सांसद महेश कश्यप ने जीएसटी सुधारों की सराहना करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने जीएसटी दरों में कटौती और स्वदेशी का नारा दिया है, जिससे किसान से लेकर हर वर्ग को लाभ होगा। आज देश में हर प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन होता है। यदि हम स्वदेशी अपनाएंगे तो करोड़ों भारतीयों को रोजगार मिलेगा। ये सुधार एमएसएमई को मजबूत करेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।"
जानकारी के अनुसार, 'जीएसटी बचत उत्सव' को लेकर लोगों में उत्साह है, जहां स्लैब चार से घटकर दो (5 और 18 प्रतिशत) हो गए हैं। रोजमर्रा की वस्तुओं के सस्ते होने से मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी। पीएम मोदी ने भी पत्र में जीएसटी सुधार के कारण होने वाले लाभ की सराहना की है। उन्होंने बताया कि इससे हर परिवार में समृद्धि आएगी। भाजपा ने 'गर्व से कहो ये स्वदेशी है' अभियान चलाया है।