क्या जीएसटी में सुधार से नागरिकों को मिलेगी सहूलियत?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से आम नागरिकों को सहूलियत मिलेगी।
- नई प्रणाली में केवल दो टैक्स स्लैब होंगे।
- दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी को शून्य किया गया है।
- छोटे व्यापारियों को लाभ होगा।
- यह कदम देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। जीएसटी में सुधार के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया।
जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के सरकार के इरादे के बारे में बताया था। उनके नेतृत्व में महज 20 दिन में ही जीएसटी काउंसिल ने ऐतिहासिक सुधार करते हुए अनेक आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स या तो समाप्त कर दिया है या फिर काफी कम कर दिया है।
उन्होंने कहा कि नए जीएसटी प्रणाली में 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। अब केवल दो टैक्स स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रहेंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि हमारी सरकार देश के आम नागरिकों को सहूलियत प्रदान करने एवं उनके जीवन को सरल बनाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।
साथ ही, जेपी नड्डा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मैं इस ऐतिहासिक अगली पीढ़ी जीएसटी रिफॉर्म के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। मैं इन सुधारों को लागू करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जीएसटी काउंसिल और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में ये सुधार हमारे नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएंगे, साथ ही छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों के व्यापार को सहज बनाएंगे। हमारी सरकार का लक्ष्य केवल राजस्व संग्रह नहीं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना भी है। यह कदम अवश्य ही देश की आर्थिक शक्ति को मजबूत करेगा और नई उम्मीदें जगाएगा।
दूध और आटा सहित दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं पर जीएसटी को शून्य कर दिया गया है। इसके अलावा, आम आदमी से जुड़ी कई वस्तुओं पर जीएसटी 12, 18 और 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे दैनिक वस्तुओं की कीमतों में भारी कमी आएगी और आम जनता के जेब पर टैक्स का बोझ कम होगा। जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स को भी शून्य कर दिया गया है।