क्या जीएसटी सुधारों से रोटी को करमुक्त करने का सपना सच होगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से टैक्स की दरें कम हुई हैं।
- रसोई का खर्च कम होगा।
- आम जनता को राहत मिलेगी।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना।
- मोदी सरकार की नई नीतियों का प्रभाव।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वपूर्ण सुधारों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने वित्त मंत्री का आभार प्रकट किया।
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री ने देश की मातृशक्ति को एक अनमोल उपहार दिया है। पीएम मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने रोटी को 'करमुक्त' कर दिया है। गृहिणियों को अब यह देखने का अवसर मिलेगा कि किस प्रकार उनकी बचत में वृद्धि होगी। जीएसटी सुधार भारत की अर्थव्यवस्था में एक नई क्रांति का संकेत है।
जीएसटी सुधारों पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के लिए 'धन्यवाद' का शब्द भी अपर्याप्त है। जीएसटी स्लैब में बदलाव से रसोई और परिवार के बजट को काफी लाभ होगा। केंद्र सरकार ने दीपावली से पूर्व सभी वर्गों को टैक्स के मामले में खुशखबरी दी है। इसका लाभ रसोई से लेकर कारोबार तक में देखा जाएगा। जीएसटी का स्लैब अब 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वहीं, 5 प्रतिशत टैक्स को सरकार ने शून्य कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देने का यह एक अवसर था। देश को विश्वास होना चाहिए कि मोदी हैं तो सब कुछ संभव है।
भाजपा सांसद हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि देश की जनता को एक बड़ा उपहार मिलेगा। जीएसटी में सुधार से रसोई का खर्च कम होना एक महत्वपूर्ण बात है।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी सुधारों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया, जिसने कराधान प्रणाली को सुव्यवस्थित किया और 400 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, क्योंकि व्यवसायों के लिए पूंजी की तरलता बढ़ेगी, जिससे खपत में वृद्धि होगी और जैसे-जैसे खपत बढ़ेगी, उत्पादन भी बढ़ेगा।
भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि जीएसटी टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव बहुत उत्साहजनक हैं। ये सुधार इस प्रकार से डिज़ाइन किए गए हैं कि आम नागरिक को अपने फायदे के लिए दरें तय करने की अनुमति दी गई है। दरें एकदम उसी तरह निर्धारित की गई हैं।