क्या जीएसटी 2.0 से परचेसिंग पावर में सुधार हुआ है? बिजनेस और निवेश का माहौल भी बदला: एनके सिंह

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार ने परचेसिंग पावर बढ़ाई है।
- बिजनेस और निवेश के माहौल में सुधार हुआ है।
- भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत है।
- निजी निवेश के लिए बड़े अवसर मौजूद हैं।
- भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 15वीं फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन और अर्थशास्त्री एनके सिंह ने शुक्रवार को बयान दिया कि जीएसटी सुधार से देश के आम नागरिकों को बड़ी राहत मिली है। इससे परचेसिंग पावर में वृद्धि हुई है और व्यापार में आसानी को भी समर्थन मिला है।
राष्ट्रीय राजधानी में 'कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025' के साइडलाइन में मीडिया से बातचीत करते हुए एनके सिंह ने कहा, "जीएसटी सुधार का असर दिखने लगा है। इससे परचेसिंग पावर बढ़ी है और आम आदमी को राहत मिली है।"
उन्होंने ये भी बताया कि इससे बिजनेस और निवेश के माहौल में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं और व्यापार की सुगमता को बढ़ावा मिला है।
सिंह के अनुसार, देश के पास एक विशाल बाजार है, जो अब भी अनछुआ है और निजी निवेश और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बड़ा अवसर प्रदान करता है।
अर्थशास्त्री ने आगे बताया कि देश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां कई सकारात्मक चक्र हैं जो हमें आने वाली चुनौतियों का सटीकता से सामना करने में मदद करेंगे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति पर चर्चा की।
सिंह ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। देश का आर्थिक आधार मजबूत बना हुआ है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
अर्थशास्त्री के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही है। वहीं, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक परिस्थितियां अस्थिर हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने के नियमों को फिर से लिखा जा रहा है, लेकिन भारत एक मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के चलते तेजी से वृद्धि कर रहा है। साथ ही, इससे देश के पास वैश्विक झटकों का सामना करने की क्षमता विकसित हो गई है।