क्या मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दिव्यांग छात्रा के साथ बिताए यादगार पल?

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क्या मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दिव्यांग छात्रा के साथ बिताए यादगार पल?

सारांश

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा में दिव्यांग छात्रा गौरी शार्दुल के साथ एक प्रेरणादायक मुलाकात की। इस घटना ने न केवल बच्चों के प्रति उनके प्रेम को प्रदर्शित किया बल्कि दिव्यांगों के प्रति समाज की संवेदनशीलता को भी उजागर किया।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता
  • दिव्यांग बच्चों का समर्थन
  • सुगम्य भारत अभियान की सराहना
  • प्रेरणादायक मुलाकात
  • समाज में बदलाव की संभावना

वडोदरा, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा में आयोजित आईईएलटीएस शहरी नवाचार एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन में अपनी संवेदनशीलता और बच्चों के प्रति प्रेम से सभी का दिल जीत लिया।

इस अवसर पर, उन्होंने उर्मि स्कूल की दिव्यांग छात्रा गौरी शार्दुल को माइक्रोफोन सौंपकर उनकी बातों को ध्यान से सुना। यह छोटा सा कार्य उनकी सहजता और कुशलता को फिर से प्रदर्शित करता है।

उर्मि स्कूल के दिव्यांग बच्चों को सम्मेलन में मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। दसवीं कक्षा की छात्रा गौरी शार्दुल ने अपने हाथों से बनाए एक स्केच फ्रेम से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। गौरी ने मंच पर सुगम्य भारत अभियान की प्रशंसा की और बताया कि इस अभियान ने दिव्यांगों के जीवन को कितना आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को न केवल सुना, बल्कि उनके सुझावों को भी गंभीरता से लिया।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में, गौरी ने मुख्यमंत्री से अपनी मुलाकात को प्रेरणादायक बताया।

उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने मेरी बातों को ध्यान से सुना और मुझे विश्वास है कि वे मेरे सुझावों पर अमल करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि गौरी पढ़ाई में कंप्यूटर का उपयोग करती हैं और सामान्य छात्रों के साथ पढ़ने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। उनका सपना यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना है। गौरी का मानना है कि यह पद उन्हें सम्मान और गरिमा दिलाएगा।

उर्मि स्कूल में 80 से अधिक दिव्यांग बच्चे पढ़ाई करते हैं और उन्हें विशेष शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास भी प्रदान किया जाता है। गौरी जैसे बच्चों की प्रेरणा और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता इस बात का प्रतीक है कि समाज में बदलाव संभव है। इस आयोजन ने न केवल वडोदरा के लोगों को प्रभावित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि नेतृत्व और संवेदनशीलता का संगम समाज को नई दिशा दे सकता है।

Point of View

वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक उदाहरण है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री ने गौरी से क्या सीखा?
मुख्यमंत्री ने गौरी की बातों को ध्यान से सुना और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे दिव्यांग बच्चों के मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं।
गौरी का सपना क्या है?
गौरी का सपना यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना है, जिससे वह समाज में सम्मानित स्थान प्राप्त कर सकें।