क्या गुजरात का 'ट्री गणेश' एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात का 'ट्री गणेश' पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक है।
- यह पंडाल पिछले आठ वर्षों से स्थापित है और लगातार जागरूकता फैला रहा है।
- डेढ़ लाख से अधिक लोग इसे देख चुके हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं।
- एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में इसका नाम दर्ज होना गर्व की बात है।
- यह पहल बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है।
सूरत, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के सूरत के कतारगाम क्षेत्र में जेनिटेक्स मिल कंपाउंड में स्थापित गणेश प्रतिमा को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है। पिछले आठ वर्षों से, एक वृक्ष के नीचे पर्यावरण-थीम वाला पंडाल पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है।
यह एकमात्र ऐसा गणेश पंडाल है जो लोगों में पर्यावरण जनजागृति का संदेश दे रहा है। यह पंडाल एक पेड़ के नीचे स्थित है, जहां पेड़ के अंदर से ही भगवान गणेश की आकृति उकेरी गई है। पंडाल के भीतर पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न संदेश दिए जा रहे हैं।
इस अद्वितीय थीम पर काम करने वाले पर्यावरण प्रेमी और ग्रीन सूरत की मुहिम चलाने वाले विरल देसाई ने बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से यहां भगवान गणेश की स्थापना कर रहे हैं और इस दौरान स्कूल, कॉलेज के छात्रों के अलावा बड़ी संख्या में भक्तों को प्रदूषण, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। अब तक लगभग डेढ़ लाख से अधिक लोगों को पर्यावरण से जोड़ा गया है। इस उपलब्धि को लेकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उनका नाम दर्ज किया है, जिससे उन्हें अत्यधिक खुशी है। यहां आने वाले युवा भी इस अद्वितीय गणेश पंडाल की प्रशंसा कर रहे हैं।
विरल देसाई ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि गणेश उत्सव के दौरान उन्होंने 'ट्री गणेश' का निर्माण किया है। बड़े पेड़ में गणपति की आकृति बनाकर उत्सव मनाते हैं। गणपति की थीम पर्यावरण पर आधारित है। 'ट्री गणेश' से बच्चों में कौतूहल होता है और हम उन्हें पर्यावरण के बारे में जागरूक करते हैं। हर साल की थीम पर्यावरण पर आधारित होती है। एशिया बुक रिकॉर्ड्स में दर्ज होना मेरे लिए गर्व की बात है। मैंने यह कार्य 2018 में आरंभ किया था। यह रिकॉर्ड इस बात का है कि एक संस्था द्वारा ईको फेस्ट आयोजित किया गया है, जो धर्म पर आधारित है, जिसके कारण हमें यह सम्मान मिला है। इसके लिए मैं एजेंसी का धन्यवाद करना चाहूंगा।