क्या गुजरात में 17 नए तालुका बनने से प्रशासन में सुधार होगा?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात में 17 नए तालुकों की स्थापना हुई है।
- इससे प्रशासनिक सेवाएं सुलभ होंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय नागरिकों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
- सरकार ने बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
गांधीनगर, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात सरकार ने प्रशासनिक सुविधा और जनता की मांगों को ध्यान में रखते हुए राज्य में 17 नए तालुका बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद गुजरात में तालुकों की कुल संख्या बढ़कर 265 हो जाएगी।
सरकार का यह कदम स्थानीय प्रशासन को और सशक्त बनाने के साथ-साथ नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, नए तालुकों में संतरामपुर और शहरा से गोधरा, लुणावाड़ा से कोठांबा, डेडियापाड़ा से चीकदा, वापी, कपराड़ा और पारडी से नाना पोढ़ा शामिल हैं।
इसके अलावा, थराद से राह, वाव से धरनीधर, कांकरेज से ओगड़, दाता से हड़ाद, झालोद से गुरु गोविंद लिमड़ी, जेतपुरपावी से कदवाल, कपडवंज और कठलाल से फागवेल, भिलोडा से शामलाजी, बायड से साथंबा, सोनगढ़ से उकाई, मांड़वी से अरेठ और महुवा से अंबिका को नए तालुका के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को और सुगम बनाना है।
नए तालुका बनने से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर तहसील कार्यालयों की उपलब्धता से भूमि, राजस्व और अन्य प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कदम क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने और जनता की सुविधा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। कई क्षेत्रों के निवासियों ने कहा कि नए तालुका बनने से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी अधिक पारदर्शी और सुलभ होंगी। उनका मानना है कि यह कदम गुजरात के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच प्रशासनिक असंतुलन को कम करने में सहायक होगा।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि नए तालुकों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और संसाधन जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कदम से गुजरात में प्रशासनिक ढांचा और मजबूत होगा, जिसका लाभ लंबे समय में राज्य की प्रगति और विकास में दिखाई देगा।