क्या असम सरकार अवैध घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई को तेज करेगी: सीएम सरमा?

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क्या असम सरकार अवैध घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई को तेज करेगी: सीएम सरमा?

सारांश

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अवैध घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने की बात कही है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि असम को बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिकों के लिए पनाह नहीं बनने दिया जाएगा। यह कदम 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले उठाया जा रहा है।

Key Takeaways

  • असम सरकार अवैध घुसपैठ के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है।
  • 2026 में कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
  • सरकार की प्राथमिकता असम की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना है।
  • पिछली सरकारों की विफलताओं पर सवाल उठाए गए हैं।
  • अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

गुवाहाटी, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार 2026 में अवैध घुसपैठ के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और भी तेज करेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि असम को बिना दस्तावेज वाले विदेशी नागरिकों के लिए पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि राज्य ने 2025 में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए बड़े पैमाने पर 'पुश-बैक' ऑपरेशन चलाया और अगले वर्ष इस अभियान को और भी तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।

सीएम सरमा ने लिखा, "2026 में, हम इस प्रयास में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे और और अधिक लोगों को वापस भेजेंगे। असम आपकी प्रजनन भूमि नहीं है।" उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार रात को 18 अवैध घुसपैठियों को सीमा पार वापस भेज दिया गया।

मुख्यमंत्री ने बार-बार कहा है कि अवैध घुसपैठ असम के डेमोग्राफिक संतुलन, सामाजिक सद्भाव और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वदेशी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और बिना किसी समझौते के कानून लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सरमा ने पहले कहा था कि घुसपैठ लंबे समय से असम के लिए, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों के लिए, एक बड़ी चुनौती रही है, और आरोप लगाया कि पिछली सरकारें इस मुद्दे को निर्णायक रूप से हल करने में असफल रहीं। उन्होंने ज़मीनी स्तर पर मजबूत कार्रवाई के लिए हाल के प्रशासनिक उपायों, बढ़ी हुई सीमा निगरानी और राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच बेहतर तालमेल का श्रेय दिया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार असम समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें अवैध विदेशियों की पहचान, नाम हटाने और उन्हें वापस भेजने से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने जोर दिया कि असम की सांस्कृतिक पहचान, भूमि अधिकार और डेमोग्राफिक अखंडता की रक्षा करना उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।

यह नई पुश-बैक घोषणा ऐसे समय में आई है जब राज्य 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है, जिसमें घुसपैठ और सीमा सुरक्षा प्रमुख राजनीतिक मुद्दे बने रहने की उम्मीद है।

भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अवैध आप्रवासन पर अपने कड़े रुख को लगातार एक मुख्य नीतिगत स्थिति के रूप में पेश किया है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में तेज़ अभियान, सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी और अवैध प्रवेश कराने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

Point of View

क्योंकि अवैध घुसपैठ से राज्य की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि इन कदमों को लागू करने में मानवाधिकारों का ध्यान रखा जाए।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

असम में अवैध घुसपैठ से क्या खतरे हैं?
अवैध घुसपैठ असम के डेमोग्राफिक संतुलन, सामाजिक सद्भाव और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
सीएम सरमा ने अवैध घुसपैठ के खिलाफ क्या कदम उठाने की योजना बनाई है?
सीएम सरमा ने 2026 में अवैध घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई को तेज करने का आश्वासन दिया है।
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