क्या गुजरात में सुशासन ने स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया? : एसएसआईपी 2.0 और आई-हब बने गेम चेंजर
सारांश
Key Takeaways
- गुजरात में स्टार्टअप्स को एसएसआईपी 2.0 और आई-हब के माध्यम से प्रोत्साहन मिल रहा है।
- राज्य में 16,700 स्टार्टअप्स सक्रिय हैं।
- 300 करोड़ रुपए का बजट एसएसआईपी 2.0 के लिए आवंटित किया गया है।
- आई-हब द्वारा 620 स्टार्टअप्स को मदद मिली है।
- महिलाओं के लिए वी-स्टार्ट पहल के तहत 196 महिला संचालित स्टार्टअप्स को सहायता दी गई है।
गांधीनगर, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ विश्वास है कि नवीन विचारों, टेक्नोलॉजी आधारित समाधान और युवा उद्यमियों की शक्ति हमारे देश के समग्र विकास का आधार हैं। 'विकसित भारत 2047' के निर्माण में स्टार्टअप और इनॉवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए राज्य में स्टार्टअप को व्यापक प्रोत्साहन देने का कार्य किया है। स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी 2.0 (एसएसआईपी 2.0) जैसी पहलों के माध्यम से उन्होंने उद्यमिता क्षेत्र में सुशासन का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज गुजरात स्टार्टअप्स का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है और लगातार चौथी बार स्टार्टअप रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। केंद्र सरकार के स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम में भी गुजरात देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य है, जहां अनुमानित 16,700 स्टार्टअप्स सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''युवा अपना बिजनेस शुरू करें और दूसरों के लिए रोजगार का सृजन करें, यही स्टार्टअप की शक्ति है। गुजरात में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाया गया है, जिसमें वी-स्टार्ट और एसएसआईपी जैसे कार्यक्रम महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने में सहायक हैं।''
युवाओं को इनॉवेशन के लिए सक्षम आधार उपलब्ध कराने हेतु, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पाँच वर्ष (2022-2027) के लिए स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी 2.0) की घोषणा की है। इस नीति के तहत विद्यालय से लेकर उच्च शिक्षा तक के छात्रों को सृजनात्मकता के लिए मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह ध्यान देने योग्य है कि एसएसआईपी 2.0 के अंतर्गत कुल 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसमें से 30 करोड़ रुपए तकनीकी शिक्षा के लिए, 12 करोड़ रुपए आई-हब के लिए, 10 करोड़ उच्च शिक्षा के लिए और 8 करोड़ रुपए स्कूल के लिए आवंटित किए जाते हैं। एसएसआईपी 2.0 के तहत 5,684 इनोवेशन को राज्य की 339 संस्थाओं के माध्यम से पीओसी/प्रोटोटाइप बनाने और 2,296 आईपीआर फाइल करने के लिए सहयोग दिया गया है। पिछले 4 वर्षों में 1,543 स्टार्टअप्स को इस नीति के अंतर्गत राज्य सरकार से सहायता प्राप्त हुई है।
स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी) के तहत स्थापित गुजरात स्टार्टअप एंड इनोवेशन हब (आई-हब) वर्तमान में राज्य के इनॉवेशन इकोसिस्टम का प्रमुख केंद्र बन गया है। 5 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा आई-हब के नए भव्य कैम्पस का उद्घाटन किया गया। आई-हब राज्य में इनॉवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप के लिए सबसे बड़ी सुविधा है, जहां एकल विंडो सपोर्ट के माध्यम से कानूनी, वित्तीय, तकनीकी और योजना संबंधी मार्गदर्शन दिया जाता है। यह सुविधा प्रारंभिक चरण के इनॉवेटर्स और स्टार्टअप्स के विचारों को सफल उद्योगों के रूप में विकसित करने में सहायता करती है।
आई-हब का नया कैम्पस लगभग 1.5 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है, जो एक साथ लगभग 500 स्टार्टअप्स को समाहित कर सकता है। आई-हब ने अब तक 620 स्टार्टअप्स को सीधी सहायता दी है और स्टार्टअप सृजन सीड सपोर्ट योजना के तहत 402 स्टार्टअप्स को 23 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की गई है।
आई-हब की सहायता से ‘कीपसेक ऑटोमेशन’ नामक बड़ी कंपनी स्थापित करने वाले मनन बैटरीवाला ने कहा, ''मैंने अपनी यात्रा की शुरुआत एक फ्रीलांसर के रूप में की थी। जब हमने कंपनी स्थापित करने का विचार किया, तब आई-हब ने हमें मार्गदर्शन दिया कि कंपनी कैसे बनाई जाए। आई-हब ने सभी प्रकार की मदद के लिए हमारा साथ दिया। इसके अलावा, आई-हब की सहायता से हम कंपनी की पहचान स्थापित कर सके और हमें एग्जीबिशन का मंच भी मिला। आज हमारी कंपनी में 37 लोग काम कर रहे हैं। गुजरात सरकार ने हमें कुल 15 लाख रुपए का अनुदान दिया है, जिसके कारण आज मैं एक सफल उद्यमी बना हूं।''
आई-हब के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स ने राज्य में लगभग 1,400 कुशल रोजगार का सृजन किया है, जबकि इन स्टार्टअप्स की कुल मार्केट वैल्यू लगभग 3,569 करोड़ रुपए तक पहुँच गई है। आई-हब के माध्यम से स्टार्टअप्स को विभिन्न वेंचर फंड्स द्वारा 416 करोड़ रुपए से अधिक का निजी फंड उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही, आई-हब ने 20 से अधिक जिलों में हब-एंड-स्पोक मॉडल द्वारा पहुँच बढ़ाई है और 4 लाख से अधिक युवाओं को स्टार्टअप और इनॉवेशन के विषय में जागरूक किया है।
महिलाओं के स्टार्टअप क्षेत्र में सम्मिलन के लिए शुरू की गई वी-स्टार्ट पहल के तहत 196 महिला संचालित स्टार्टअप्स को सहायता दी गई है, जो कुल सपोर्टेड स्टार्टअप्स का लगभग 30 प्रतिशत है। राज्य में स्टार्टअप और इनॉवेशन क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए अहमदाबाद में कार्यरत आई-हब के बाद अब आगामी एक वर्ष में वडोदरा, सूरत, राजकोट और मेहसाणा में चार नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। स्टार्टअप का यह मजबूत इकोसिस्टम 'आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत' के विजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।