क्या झारखंड के गुमला में पुलिस की मुठभेड़ में तीन उग्रवादी ढेर हुए?

सारांश
Key Takeaways
- गुमला में मुठभेड़ में तीन उग्रवादी ढेर हुए।
- पुलिस ने कई हथियार बरामद किए।
- झारखंड पुलिस की नक्सलवाद के खिलाफ मुहिम जारी है।
- इसी वर्ष 22 नक्सलियों को मारा गया है।
- आगे की कार्रवाई में सर्च ऑपरेशन जारी है।
गुमला, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के लावादाग जंगल में शनिवार सुबह पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन मुक्ति मोर्चा (जेजेएमपी) के तीन उग्रवादी मारे गए हैं। मुठभेड़ के बाद किए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने तीनों उग्रवादियों के शव को बरामद किया। घटनास्थल से एक एके-47 राइफल और दो इंसास राइफल सहित कई हथियार जब्त किए गए हैं।
गुमला के एसपी हारिश बिन जमां ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि जेजेएमपी के उग्रवादी किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे और घाघरा के जंगल में इकट्ठा हुए थे। इस सूचना के आधार पर जिला पुलिस और झारखंड जगुआर की संयुक्त टीम ने एक विशेष अभियान चलाया। जैसे ही सुरक्षाबलों ने लावादाग जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने तीन उग्रवादियों को मार गिराया। हालांकि, अन्य उग्रवादी घने जंगलों का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।
इससे पहले, 15 जुलाई को बोकारो जिले के गोमिया थाना अंतर्गत बिरहोरडेरा जंगल में भाकपा माओवादी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। उस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पांच लाख के इनामी नक्सली कुंवर मांझी समेत दो नक्सलियों को ढेर कर दिया था, जबकि इस कार्रवाई में कोबरा 209 बटालियन का एक जवान शहीद हो गया था। एक नक्सली वर्दी में था, जबकि दूसरा साधारण कपड़ों में था।
यह ध्यान देने योग्य है कि झारखंड पुलिस ने इस वर्ष राज्य को नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य रखा है। झारखंड में 2025 की शुरुआत से अब तक पुलिस ने 22 नक्सलियों को मार गिराया है। इस दौरान 115 हथियार, 8591 गोलियां, 176.5 किलो विस्फोटक और 4,51,047 रुपये नक्सलियों से जब्त किए गए हैं, जो उन्होंने लेवी के रूप में वसूले थे। इसके अलावा, 179 आईईडी को खोजकर निष्क्रिय किया गया। यह नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की एक बड़ी कार्रवाई है।