क्या झारखंड में नवजातों की खरीद-फरोख्त को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त किया गया?

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क्या झारखंड में नवजातों की खरीद-फरोख्त को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त किया गया?

सारांश

गुमला में नवजातों की खरीद-फरोख्त के मामले ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया। बर्खास्त स्वास्थ्यकर्मियों पर गंभीर आरोप हैं। इस मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है, जो जल्द रिपोर्ट पेश करेगी।

Key Takeaways

  • नवजातों की खरीद-फरोख्त एक गंभीर अपराध है।
  • स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई की है।
  • जांच समिति दो दिनों में रिपोर्ट पेश करेगी।

गुमला, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गुमला जिले में नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त से संबंधित दो गंभीर घटनाओं के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं। रायकेरा प्रखंड में कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रिमझिम लकड़ा, ग्रामीण बीटीटी दीदी सुमन कुजूर और सहिया पार्वती देवी को इस मामले में संलिप्तता के आरोप में तुरंत बर्खास्त कर दिया गया है।

यह आदेश गुमला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएमओ) के द्वारा जारी किया गया है। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह समिति गुमला अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई है, जिसमें सिविल सर्जन और रायडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी को सदस्य बनाया गया है। समिति को दो दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त से जुड़ी घटनाएं तीन दिन पहले सामने आई थीं। पहला मामला रायडीह थाना क्षेत्र के मोकरो गांव से संबंधित है, जहां एक युवती प्रेम संबंध के चलते गर्भवती हुई और उसने छत्तीसगढ़ में बच्चे को जन्म दिया। बाद में उसे रांची लाया गया और उसके नवजात शिशु को कथित रूप से ओडिशा में बेच दिया गया।

दूसरा मामला रायडीह के कुडो छत्तरपुर गांव की सुमन एक्का से संबंधित है। 10 सितंबर की सुबह उन्हें प्रसव पीड़ा के कारण सीएचसी रायडीह में भर्ती कराया गया था। सुबह 6:45 बजे उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। आरोप है कि उसी केंद्र की बीटीटी दीदी सुमन कुजूर ने उन्हें बहकाकर बच्चे को बेचने के लिए राजी कर लिया।

खरीदारों को अस्पताल बुलाकर बच्चे को दिखाया गया और सभी पक्षों के हस्ताक्षर स्टांप पेपर पर करवाए गए। 12 सितंबर को जब प्रसूता को डिस्चार्ज किया गया, तब बच्चे को बीटीटी दीदी अपने साथ ले गई और खरीदार को सौंप दिया।

बताया जाता है कि इन दोनों सौदों में बड़ी रकम का लेन-देन हुआ। मामला प्रशासनिक स्तर तक पहुंचने के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए कहा कि नवजात शिशुओं की बिक्री जैसे जघन्य अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

Point of View

NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

यह मामला कब सामने आया?
यह मामला तीन दिन पहले सामने आया था, जिसमें नवजातों की खरीद-फरोख्त के दो गंभीर मामले शामिल हैं।
कौन से स्वास्थ्यकर्मी बर्खास्त हुए हैं?
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रिमझिम लकड़ा, बीटीटी दीदी सुमन कुजूर और सहिया पार्वती देवी को बर्खास्त किया गया है।
जांच समिति का गठन किसने किया?
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने जांच समिति का गठन किया है।