क्या 'गनपाउडर प्लॉट' ने ब्रिटेन की संसद को उड़ा देने का सपना देखा था?
सारांश
Key Takeaways
- गनपाउडर प्लॉट 1605 में रचा गया एक महत्वपूर्ण षड्यंत्र था।
- इसमें ब्रिटिश संसद को उड़ाने की योजना बनाई गई थी।
- गाइ फॉक्स ने साजिश में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
- साजिश असफल होने पर राजद्रोह के आरोप में मौत की सजा दी गई।
- हर 5 नवंबर को बोनफायर नाइट मनाई जाती है।
नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'गनपाउडर प्लॉट' ब्रिटेन के इतिहास में एक ऐसा महत्वपूर्ण पल है जो अगर सफल होता तो ब्रिटिश संसद की धज्जियाँ उड़ गई होतीं। यह घटना 1605 की है। 5 नवंबर की सर्द सुबह लंदन में एक साजिश की गंध फैली हुई थी। अचानक, ब्रिटिश संसद के तहखाने से 36 बैरल बारूद बरामद हुए, और इसने ब्रिटेन के इतिहास की धारा को बदल दिया। यह था गनपाउडर प्लॉट, अर्थात “बारूद की साजिश” - एक ऐसा प्रयास जिसने इंग्लैंड के राजा, सरकार और कैथोलिक धर्म के बीच संबंधों को हमेशा के लिए बदल दिया।
यह षड्यंत्र किंग जेम्स प्रथम के खिलाफ रचा गया था। उस समय इंग्लैंड में कैथोलिकों पर अत्याचार हो रहे थे और देश पर प्रोटेस्टेंट शासन था। कई कैथोलिक समूहों का मानना था कि यदि संसद को उड़ा दिया जाए और राजा की हत्या कर दी जाए, तो देश में उनका शासन पुनः स्थापित हो सकता है। इस योजना का नेतृत्व रॉबर्ट केट्सबी ने किया था, जबकि उस नाम ने जो इतिहास में अमिट छाप छोड़ी वह था 'गाइ फॉक्स', जो बारूदों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहा था।
4 नवंबर की रात, फॉक्स संसद के नीचे स्थित तहखाने में इन तैयारियों में जुटा हुआ था। लेकिन गुप्त सूचना मिलने पर वहां छापा मारा गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपने साथियों के नाम बताए और जल्द ही पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया। यदि यह साजिश सफल होती, तो उस दिन इंग्लैंड की संसद, राजा और अभिजात वर्ग का अस्तित्व समाप्त हो सकता था।
फॉक्स और उसके साथियों को राजद्रोह के आरोप में मौत की सजा दी गई। लेकिन उनकी असफलता ने ब्रिटेन को एक प्रतीक दिया - हर 5 नवंबर को बोनफायर नाइट या गाई फॉक्स नाइट के रूप में मनाया जाता है, जब लोग आतिशबाजी करते हैं और “रिमेम्बर, रिमेम्बर द फिफ्थ ऑफ नवंबर…” की पंक्तियाँ गाते हैं। यह न केवल उस साजिश की याद दिलाता है, बल्कि सत्ता, धर्म और विद्रोह के संघर्ष की भी याद दिलाता है जिसने इंग्लैंड के राजनीतिक इतिहास को आकार दिया।