क्या पंजाब के गुरदासपुर में बाढ़ ने मचाई तबाही? नड़ावाली राहत कैंप में पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ ने कई परिवारों को बेघर किया है।
- सरकार राहत कार्य में सक्रिय है।
- दीर्घकालिक पुनर्वास की आवश्यकता है।
- पीड़ितों की कहानियाँ भावनात्मक हैं।
- सामाजिक संगठनों से मदद की गुहार है।
गुरदासपुर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के गुरदासपुर जिले में रावी नदी की बाढ़ ने भयावह तबाही मचाई है। गांव डेरीवाल में कई घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित निकालकर गांव नड़ावाली में स्थापित राहत कैंपों में रखा गया है। राहत कैंप में रह रहे बाढ़ पीड़ितों ने अपनी कहानी साझा की।
राहत कैंप में रह रही रेनू बाला ने कहा, "मेरे पति पहले ही एक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। वह न बोल सकते हैं, न हिल सकते हैं, जैसे जिंदा लाश हों। रात को अचानक बाढ़ का पानी आया तो मैंने अपने पति और छोटी बच्ची को लेकर घर की छत पर रात बिताई। सुबह एनडीआरएफ की टीम ने हमें सुरक्षित निकालकर राहत कैंप में पहुंचाया।"
रेनू ने आंसू भरी आंखों से कहा, "भगवान ने पहले ही मेरे पति को इस हाल में पहुंचाकर कहर ढाया और अब बाढ़ ने मेरा घर और सारा सामान छीन लिया। अब मैं परिवार को लेकर कहां जाऊं?"
गांव डेरीवाल में बाढ़ ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है। अचानक आए पानी ने घरों, सामान और आजीविका को नष्ट कर दिया। राहत कैंप में रह रहे लोग भय और अनिश्चितता के साये में जी रहे हैं।
कई पीड़ितों ने बताया कि उनके पास अब न घर बचा है, न ही कोई संसाधन। रेनू बाला ने सरकार और सामाजिक संगठनों से मदद की गुहार लगाई।
उन्होंने कहा, "हमें दोबारा जीवन शुरू करने के लिए सहायता चाहिए। मेरे जैसे कई परिवारों का सब कुछ खत्म हो चुका है।"
प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। प्रभावितों को भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जा रहा है। हालांकि, पीड़ितों का कहना है कि दीर्घकालिक पुनर्वास और आर्थिक मदद की जरूरत है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में स्थिति की निगरानी जारी है और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।