क्या हक्कानी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि 'अफगानिस्तान के खिलाफ कोई भी हमला होगी बड़ी गलती'?
सारांश
Key Takeaways
- हक्कानी का स्पष्ट संदेश: अफगानिस्तान की रक्षा सर्वोपरि है।
- बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन आक्रामकता का कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं को खुद सुलझाने की सलाह।
- तालिबान के नेता का यह बयान विभिन्न एजेंडों का संकेत है।
- भविष्य में कठोर जवाब देने की तैयारी।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच, अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने काबुल में एक महत्वपूर्ण भाषण में इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता को काबुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
हक्कानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच बातचीत के बेनतीजा रहने के कुछ दिनों बाद कहा, "अफगानिस्तान के लोगों को अपने अंदरूनी मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन वे किसी भी विदेशी आक्रमण के खिलाफ एकजुट हैं। अपने क्षेत्र की रक्षा करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है।"
यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा अफगान तालिबान को चेतावनी देने के 24 घंटे से भी कम समय बाद आया। आसिफ ने कहा था कि वे इस्लामाबाद के इरादों को "अपनी बर्बादी" पर परख सकते हैं।
बातचीत के संभावित नए दौर पर टिप्पणी करते हुए, हक्कानी ने कहा, "समझौते और बातचीत के दरवाजे खुले हैं। हम किसी के साथ टकराव नहीं चाहते। लेकिन जो भी हमला करेगा, उसे पता होना चाहिए कि हम दुनिया के बादशाहों के खिलाफ खड़े हुए हैं। हमारे लिए अपने क्षेत्र की रक्षा करना मुश्किल नहीं है।"
पाकिस्तान ने कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के खिलाफ कार्रवाई करना और उनके लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह लेने से रोकना किसी भी समझौते की महत्वपूर्ण शर्तें हैं।
हालांकि, हक्कानी ने कहा कि यह मुद्दा पाकिस्तान की आंतरिक समस्या है। उन्होंने कहा, "हमने कई मीटिंग्स में इस मुद्दे को उठाया है, उनसे कहा है कि अपनी समस्या को अपने देश में ही सुलझाएं।"
उन्होंने चेतावनी दी, "अगर आप इसे अफगानिस्तान में लाते हैं, तो आप यहां अशांति पैदा करेंगे। यह गलती आपकी होगी और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
तालिबान के इस प्रमुख नेता ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी हमला "बहुत बड़ी गलती" साबित होगा।
इस हफ्ते की शुरुआत में, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि भविष्य में किसी भी सैन्य हमले पर कड़ा जवाब दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, अफगान मीडिया आउटलेट एरियाना न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान ने कुछ ऐसी मांगें रखीं, जिन्हें अफगान प्रतिनिधिमंडल ने "गैर-वाजिब और नामंजूर" कहा।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस्तांबुल में हुई बातचीत से गहरा अविश्वास और अलग-अलग एजेंडे सामने आए हैं।
भारत के प्रमुख न्यूज नेटवर्क एनडीटीवी ने रिपोर्ट किया है कि पाकिस्तान का अमेरिका के साथ एक समझौता है जो उसे अपने इलाके से ड्रोन ऑपरेशन करने की अनुमति देता है।