क्या एचएएल का ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर भारतीय इंजीनियरिंग और आत्मनिर्भरता का बेहतरीन उदाहरण है?

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क्या एचएएल का ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर भारतीय इंजीनियरिंग और आत्मनिर्भरता का बेहतरीन उदाहरण है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि एचएएल का ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है? इसे 80% स्वदेशीकरण के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है। जानिए इसके फीचर्स और उपयोगिता के बारे में।

Key Takeaways

  • एचएएल का ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
  • 65% उपकरण स्वदेशी निर्मित हैं।
  • यह नागरिक और सैनिक उपयोग के लिए उपयुक्त है।
  • 4,500 मीटर ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता।
  • 80% स्वदेशीकरण का लक्ष्य।

बेंगलुरु, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) डीके सुनील ने मंगलवार को कहा कि एचएएल का ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर सिर्फ एक उड़ने वाली मशीन नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती एविएशन इंजीनियरिंग और आत्मनिर्भरता का एक अद्वितीय उदाहरण है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए एचएएल के प्रमुख ने बताया कि हेलीकॉप्टर के अधिकांश भागों को भारत में डिज़ाइन किया गया है और इसमें इस्तेमाल होने वाले लगभग 65 प्रतिशत उपकरण देश में ही निर्मित हैं।

उन्होंने कहा, "ध्रुव-एनजी नागरिक उपयोग के लिए उन्नत विमानों को डिज़ाइन करने, विकसित करने और मान्यता देने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है।"

उन्होंने राष्ट्र प्रेस को बताया, "शायद दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो 100 प्रतिशत स्वदेशीकरण प्राप्त कर सके, क्योंकि हमेशा कुछ उपकरणों को विदेश से मंगाना पड़ता है।"

एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने आगे कहा कि इस हेलीकॉप्टर का डिज़ाइन हमारा है और इंजन से लेकर एविऑनिक्स तक सभी चीज़ें घरेलू स्तर पर डिज़ाइन की गई हैं। हमारा लक्ष्य 80 प्रतिशत स्वदेशीकरण हासिल करना है।

ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर में इन-हाउस इंजन का उपयोग किया गया है और इसे सिविल सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।

सुनील ने कहा कि यह हेलीकॉप्टर वीआईपी परिवहन, मेडिकल सुविधा, अपतटीय अभियानों और यहां तक कि उच्च ऊंचाई वाले पर्यटन जैसे विभिन्न प्रकार के मिशनों के लिए उपयुक्त हो जाता है।

उन्होंने बताया कि यह हेलीकॉप्टर 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है, जो हिमालय और पूर्वोत्तर जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में इसकी क्षमता को साबित करता है।

सुनील ने बताया, "हमारे लिए घरेलू बाजार बहुत बड़ा है और हम अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यात पर भी विचार कर रहे हैं।"

भारतीय सेना और वायु सेना के पायलटों ने पहले ही कठिन परिस्थितियों में इस हेलीकॉप्टर का परीक्षण कर लिया है और अब यह सिविलियन ऑपरेशन के लिए तैयार है।

आठ ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टरों का पहला बैच बॉम्बे हाई में ऑफशोर सेवाओं के लिए तैनात किए जाने की संभावना है, जहां इनका उपयोग लोगों और सामान को लाने-ले जाने के लिए किया जाएगा।

सुनील ने कहा कि सुरक्षा और चलाने में आसानी पर खास ध्यान दिया गया है। ध्रुव-एनजी एक ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर है, जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने वाले कई सिंगल-इंजन विमानों से अधिक सुरक्षित बनाता है।

उन्होंने कॉकपिट के अंदर किए गए सुधारों के बारे में भी बताया, जिसमें एक आधुनिक ग्लास कॉकपिट और री-डिज़ाइन किए गए नियंत्रण शामिल हैं, जो पायलट का कार्यभार कम करते हैं और कुल मिलाकर सुरक्षा में सुधार करते हैं।

Point of View

बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे सफलतापूर्वक विकसित कर, भारत ने अपनी इंजीनियरिंग क्षमताओं को साबित किया है।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर के मुख्य उपयोग क्या हैं?
यह हेलीकॉप्टर वीआईपी परिवहन, मेडिकल सुविधा, अपतटीय अभियानों और पर्यटन के लिए उपयोग किया जाता है।
क्या ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर में स्वदेशी उपकरणों का उपयोग होता है?
जी हां, इसमें लगभग 65% उपकरण स्वदेशी हैं।
ध्रुव-एनजी हेलीकॉप्टर की ऊंचाई उड़ान भरने की क्षमता क्या है?
यह हेलीकॉप्टर 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है।
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