क्या हमास और पीआईजे का संयुक्त बयान इजरायली सेना की वापसी के लिए शांति वार्ता को सुनिश्चित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल की सेना की गाजा पट्टी से पूर्ण वापसी का संकल्प।
- सभी बॉर्डर क्रॉसिंग को खोलने की आवश्यकता।
- युद्ध का अंत और गाजा का पुनर्निर्माण।
- इजरायल के अड़ियल रवैये का असर वार्ता पर।
- अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की भूमिका।
गाजा, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) ने यह स्पष्ट किया है कि इजरायल के साथ चल रही अप्रत्यक्ष वार्ता का परिणाम युद्ध का पूर्ण अंत होना चाहिए, साथ ही इजरायली सेना को गाजा पट्टी से पूरी तरह बाहर निकलना चाहिए। सभी बॉर्डर क्रॉसिंग को खोला जाना चाहिए और गाजा का पुनर्निर्माण अनिवार्य है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हमास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि रविवार को दोनों संगठनों के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। हालांकि, बैठक का स्थान अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।
इस बैठक की अगुवाई हमास की शूरा परिषद के प्रमुख मुहम्मद दरवेश ने की, जबकि पीआईजे का प्रतिनिधित्व महासचिव जियाद अल-नखलाह ने किया।
बयान में यह भी कहा गया कि दोनों गुटों ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के माध्यम से चल रही वार्ता और इजरायल के उत्तरों पर चर्चा की, ताकि युद्धविराम समझौते तक पहुँच सकें।
इसमें यह भी जोर दिया गया कि किसी भी संभावित समझौते में फिलिस्तीनी आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए, जिसमे युद्ध का अंत करना भी शामिल है। यह युद्ध नागरिकों के बीच भारी मानवीय पीड़ा और हताहतों का कारण बना है।
एक हमास सूत्र के अनुसार, कतर की राजधानी दोहा में इजरायल और हमास के बीच चल रही अप्रत्यक्ष वार्ता एक महत्वपूर्ण और जटिल चरण में प्रवेश कर रही है। सूत्र ने चेतावनी दी कि इजरायल का अड़ियल रवैया वार्ता के विफल होने का कारण बन सकता है।
हमास सूत्र ने बताया कि दोनों पक्षों ने इजरायल के उत्तरों की समीक्षा की और कहा कि बातचीत में प्रगति की मुख्य बाधा नक्शों के संबंध में इजरायल का अड़ियल रवैया है।
उन्होंने कहा कि इजरायली सेना को पहले जनवरी की सीमाओं तक पीछे हटना चाहिए, और वार्ता प्रक्रिया के बाद गाजा पट्टी से पूर्ण वापसी की गारंटी होनी चाहिए।