क्या हमीरपुर की जेल में बंदी की हत्या हुई?

सारांश
Key Takeaways
- जेल में अवैध वसूली का मामला गंभीर है।
- परिवार न्याय की लड़ाई में जुटा है।
- जिला प्रशासन द्वारा राहत प्रयास किए जा रहे हैं।
हमीरपुर, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हमीरपुर के जिला कारागार में एक गंभीर घटना के बाद हड़कंप मच गया है।
जेलर चांडिला, डिप्टी जेलर संगेश, राइटर विनय सिंह, पुलिस सिपाही अनिल यादव और जेल के तीन लंबरदारों पर बंदी अनिल तिवारी की हत्या का आरोप लगा है।
यह मामला सदर कोतवाली में मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि जेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने अनिल तिवारी की हत्या इसलिए की, क्योंकि उसने जेल में अवैध वसूली के दौरान 200 रुपये देने से मना कर दिया था। इसके बाद उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
अनिल तिवारी की मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने आरोपियों को सजा दिलाने की लगातार मांग की थी। इस मामले को शांत करने के लिए जिला प्रशासन ने पहल की। सर्किट हाउस में जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और भाजपा जिला अध्यक्ष की मौजूदगी में बंदी के शव के अंतिम संस्कार के लिए सहमति बनी।
इसके साथ ही प्रशासन ने मृतक के परिवार को राहत देने के लिए कदम उठाए। अनिल के दो परिजनों को नगर पालिका सदर में 20-20 हजार रुपये की नौकरी दी गई है, और विधवा पूजा द्विवेदी को पेंशन भी प्रदान की जाएगी।
पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जेल में अवैध वसूली और बंदियों के शोषण की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं, लेकिन इस बार मामला इतना गंभीर हो गया कि हत्या तक पहुंच गया। परिजनों का कहना है कि वे न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे और दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे। जिला प्रशासन ने जांच तेज करने और जेल में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने का भरोसा दिया है।