क्या हमीरपुर में सामाजिक सौहार्द बिगड़ने और धार्मिक उन्माद फैलाने की घटना हुई?

सारांश
Key Takeaways
- सामाजिक सौहार्द को बनाए रखना आवश्यक है।
- धार्मिक उन्माद फैलाने वाले तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
- स्थानीय समुदायों में समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा देना जरूरी है।
- सोशल मीडिया का दुरुपयोग गंभीर परिणाम ला सकता है।
- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सक्रियता आवश्यक है।
हमीरपुर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में पुलिस ने किसान कांग्रेस के जिला महासचिव सलीम अहमद सहित छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। इनके खिलाफ मौदहा कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर के अनुसार, सऊदी अरब में रह रहे मोहम्मद सैफ नामक युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट डालकर लोगों को भड़काने का प्रयास किया। इस पोस्ट को सलीम अहमद और आरिफ कुरैशी उर्फ आरिफ दादा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा किया और लोगों को मौदहा के बड़ा चौराहा स्थित पानी की टंकी के पास जुलूस के लिए इकट्ठा होने का आह्वान किया।
पुलिस को सूचना मिली कि बड़ा चौराहा पर कुछ लोग लाठी-डंडों के साथ इकट्ठा होकर धार्मिक उन्माद फैलाने और दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। शिकायत दर्ज की गई कि कुछ व्यक्तियों ने भीड़ को इकट्ठा कर लोगों को भड़काकर ईर्ष्या और द्वेष की भावना पैदा करने का प्रयास किया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सलीम अहमद, आरिफ कुरैशी, मोहम्मद अहसान, अरमान, इमरान रफीक और फर्क को गिरफ्तार कर लिया। कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
मौदहा कोतवाली में दर्ज एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से लोगों को भड़काकर अलग-अलग समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा और वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने झूठी अफवाहें फैलाकर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और दंगा भड़काने की कोशिश की। इस घटना से स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया और क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका बढ़ गई।
मामले में कार्रवाई करते हुए हमीरपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद, छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है।