क्या साबरकांठा के हापा गांव का प्राथमिक स्कूल बच्चों और युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बना रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- हापा गांव का प्राथमिक स्कूल शिक्षा और विकास का अनूठा उदाहरण है।
- लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है, जिससे सभी युवाओं को लाभ मिलता है।
- सामुदायिक सहयोग से लाइब्रेरी की स्थापना संभव हुई।
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विभिन्न विषयों की किताबें उपलब्ध हैं।
- गुजरात सरकार की 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' योजना से शिक्षा का स्तर सुधरा है।
साबरकांठा, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर तालुका में स्थित हापा गांव का प्राथमिक स्कूल शिक्षा और विकास का एक बेजोड़ उदाहरण बन चुका है। इस विद्यालय में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ उनकी प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
गुजरात सरकार की 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' योजना के तहत स्थापित इस स्कूल की मॉडर्न लाइब्रेरी ने बच्चों और युवाओं के लिए नए अवसरों का द्वार खोला है। यह लाइब्रेरी न केवल स्कूल के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि गांव के युवाओं के लिए भी २४ घंटे खुली रहती है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता कर रही है।
स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह परमार ने बताया, "हमारी लाइब्रेरी में ५० रीडिंग टेबल, मुफ्त वाई-फाई, प्रत्येक टेबल पर व्यक्तिगत लैंप और विभिन्न विषयों की किताबें उपलब्ध हैं। गांव के लोगों ने ५० रुपए से लेकर ५० हजार रुपए तक का योगदान दिया, जिससे यह लाइब्रेरी संभव हुई।"
इस सामुदायिक सहयोग ने लाइब्रेरी को एक मॉडर्न हब में बदल दिया है, जहां बच्चे और युवा दोनों लाभान्वित हो रहे हैं। लाइब्रेरी में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होने से विद्यार्थी एनएमएमएस, सीईटी और नवोदय जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसानी से कर पा रहे हैं।
छात्रा प्रियांशी ने कहा, "हमारी लाइब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें उपलब्ध हैं। यह हमें पढ़ाई में बहुत मदद करती है।"
वहीं, हापा गांव की निवासी मनीषा परमार ने बताया, "लाइब्रेरी में भारत और गुजरात का इतिहास, भूगोल, सांस्कृतिक इतिहास और करेंट अफेयर्स की किताबें मिलती हैं। हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अच्छे से कर पाते हैं।"
लाइब्रेरी की विशेषता यह है कि यह रात-दिन खुली रहती है, जिससे नौकरी की तैयारी करने वाले युवा भी इसका लाभ उठा रहे हैं।
हापा प्राथमिक स्कूल की यह पहल आसपास के गांवों के लिए प्रेरणा बन गई है। अन्य स्कूलों के शिक्षक भी यहां की सुविधाओं का अध्ययन करने आते हैं। यह स्कूल सीमित संसाधनों के बावजूद उत्कृष्ट परिणाम देने का उदाहरण है। गुजरात सरकार की 'स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' योजना ने २०२३ से अब तक २,००० से अधिक स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरा है।