क्या सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन की मांग उठाई गई? हर साल 75,000 महिलाओं की मौत हो रही है
सारांश
Key Takeaways
- सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता जरूरी है।
- महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है।
- सरकार को वैक्सीनेशन उपलब्ध कराना चाहिए।
- कैंसर के खिलाफ रोकथाम में वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष देश में लगभग 75,000 महिलाओं की जान सर्वाइकल कैंसर के कारण जाती है। यह जानकारी सोमवार को राज्यसभा में साझा की गई। इस गंभीर मुद्दे पर राज्यसभा सांसद सुलता देव ने बताया कि हर साल करीब 1,25,000 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का निदान होता है, जिनमें से 75,000 की मृत्यु हो जाती है।
सुलता देव ने कहा कि इस मृत्यु दर को कम करने और सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने वैक्सीनेशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या है जो महिलाओं को प्रभावित करती है।
सुलता देव ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध है, जो इस बीमारी को रोका जा सकता है। यह एक विशेष वायरस के कारण होता है, और इसके खिलाफ लड़ने के लिए वैक्सीन मौजूद है। वैक्सीनेशन से काफी रोकथाम की जा सकती है, और सरकार का दायित्व है कि इसे उपलब्ध कराए।
उन्होंने कहा कि हमारी माताएँ-बहनें इस बीमारी से बहुत प्रभावित हैं। इसलिए सरकार को महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। यह हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है कि हम महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
सुलता देव ने कहा कि महिलाएं अक्सर घर के काम में इतनी व्यस्त होती हैं कि वे अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करती हैं। इसलिए सरकार को इस वैक्सीनेशन को लागू करने में तेजी लानी चाहिए। 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को इस वैक्सीन की दो डोज़ दी जा सकती हैं, जबकि 15 से 26 वर्ष की लड़कियों को तीन डोज़ दी जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाएं देश की आधी जनसंख्या हैं। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। हमें इसे व्यापक रूप से उपलब्ध कराना चाहिए। सरकार ने अपने बजट में भी इस वैक्सीनेशन का उल्लेख किया है।
उन्होंने सरकार से अपील की कि महिलाओं के सुरक्षित जीवन को ध्यान में रखते हुए यह वैक्सीनेशन उपलब्ध कराया जाए।