क्या श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने भारत की परिवर्तनकारी पहलों का दौरा किया?

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क्या श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने भारत की परिवर्तनकारी पहलों का दौरा किया?

सारांश

नीति आयोग में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने भारत की नीति निर्माण पहल की सराहना की। यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में भारत की परिवर्तनकारी पहलों को समझने के उद्देश्य से की गई। जानें यात्रा के प्रमुख बिंदु और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की सराहना की।
  • भारत की परिवर्तनकारी पहलों पर चर्चा की गई।
  • दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने की बात की गई।
  • सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया।
  • डिजिटल शासन में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाया गया।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नीति आयोग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने नीति आयोग की भूमिका की सराहना की, जो एक पॉलिसी थिंक टैंक और कॉर्डिनेशन प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। उन्होंने नीति आयोग के लॉन्ग-टर्म पॉलिसी डिजाइन को जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के साथ जोड़ने की अद्भुत क्षमता पर प्रकाश डाला।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नीति आयोग ने हाल ही में नई दिल्ली में श्रीलंका की पीएम डॉ. हरिनी नीरेका अमरसूर्या की मेजबानी की। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहन सहयोग को बढ़ावा देने और इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, पर्यटन, स्किल डेवलपमेंट और एआई के क्षेत्रों में भारत की परिवर्तनकारी पहलों पर अंतर्दृष्टि साझा करने पर केंद्रित थी।

इस यात्रा ने भारत और श्रीलंका के रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने, सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय चुनौतियों व अवसरों का समाधान करने के लिए इनोवेशन और स्किल का लाभ उठाने के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

दोनों पक्षों ने नेबरहुड फर्स्ट और महासागर फ्रेमवर्क के अंतर्गत नॉलेज-बेस्ड, टेक्नोलॉजी ड्रिवन और पीपल-सेंट्रिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

अमरसूर्या ने नीति आयोग के केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के साथ मिलकर काम करने के तरीके को समझने में अपनी रुचि व्यक्त की, जिसमें विश्लेषण, साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण और नागरिकों से प्राप्त फीडबैक को प्रभावी शासन से जोड़ना शामिल था।

उन्होंने श्रीलंका की सुधार यात्रा और ऐसे संस्थानों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला जो नीतिगत सुसंगतता, साक्ष्य-आधारित निर्णयों और राजनीतिक चक्रों से परे निरंतरता को बढ़ावा दें।

नीति आयोग के अनुसार, उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी द्वारा संचालित चर्चाओं में भारत की वर्तमान पहलों जैसे मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग के लिए पीएम गति शक्ति, समग्र और समावेशी शिक्षा के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोगात्मक अवसर और एआई, डिजिटल शासन सहित अग्रणी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी गई।

इस दौरान भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों पर प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें व्यापार, निवेश और आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ईटीसीए) भी शामिल रहा।

पीएम गति शक्ति में इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग और कैंडी सिटी में भारत के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स मॉडल के संभावित अनुप्रयोग को प्रदर्शित किया गया।

एनईपी 2020 के तहत समग्र, समावेशी और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन लर्निंग सिस्टम पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इसी तरह पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विरासत, पर्यावरण और कल्याण पर्यटन में सहयोग पर प्रकाश डाला गया।

फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिजिटल इनोवेशन और शासन में सहयोग की खोज की गई।

Point of View

यह यात्रा न केवल भारत और श्रीलंका के बीच मौजूदा सहयोग को मजबूत करने का एक प्रयास है, बल्कि यह दोनों देशों के लिए विकास और सस्टेनेबल प्रगति के लिए एक साझा दृष्टिकोण का निर्माण भी करती है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या का नीति आयोग दौरा क्यों महत्वपूर्ण है?
यह दौरा भारत और श्रीलंका के बीच गहन सहयोग को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त पहलों को समझने का एक अवसर है।
नीति आयोग का मुख्य कार्य क्या है?
नीति आयोग का कार्य नीतियों की योजना बनाना और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करना है।
भारत की कौन सी प्रमुख पहलें इस यात्रा में चर्चा की गईं?
इस यात्रा में भारत की पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, और डिजिटल शासन जैसी प्रमुख पहलों पर चर्चा हुई।