क्या हरीश रावत ने भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर उत्तराखंड सरकार को घेरा?

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क्या हरीश रावत ने भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर उत्तराखंड सरकार को घेरा?

सारांश

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन पर उन्होंने तीखे आरोप लगाए। जानिए कैसे रावत ने मुद्दों को उठाया और क्या कहा उन्होंने!

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।
  • कृषि नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।
  • आपदा प्रबंधन के लिए तैयारी आवश्यक है।
  • पर्यटन को सही तरीके से विकसित करना चाहिए।
  • सामाजिक मुद्दों पर राजनीतिक नेता की जिम्मेदारी है।

मसूरी, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को प्रदेश सरकार पर तीखा हमला करते हुए भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन वास्तविक मुद्दों को उठाएगी और आने वाले समय में विधानसभा से लेकर सड़कों तक लड़ाई लड़ेगी।

मसूरी में भगत सिंह की जयंती पर देशभक्ति का माहौल देखने को मिला। भगत सिंह चौक पर अमर शहीद भगत सिंह अमर रहें और इंकलाब जिंदाबाद के नारों से वातावरण गूंज उठा। इस अवसर पर हरीश रावत ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मीडिया से बातचीत के दौरान हरीश रावत ने कहा कि भगत सिंह केवल क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि मानवता के प्रतीक भी थे। उनका बलिदान आज भी युवाओं को अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है। भगत सिंह के बलिदान ने महात्मा गांधी और नेहरू को शक्ति देने का कार्य किया है।

श्रद्धांजलि के बाद हरीश रावत ने राज्य सरकार को भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन पर घेरा।

उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट तक इस पर संज्ञान ले चुका है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी पर निशाना साधते हुए रावत ने कहा कि उद्यान मंत्री नीतियों की जगह निजी लाभ में अधिक रुचि रखते हैं। सेब उत्पादकों को घोषित 51 रुपए प्रति किलो एमएसपी का अभी तक लाभ नहीं मिला है।

रावत ने 2013 की केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को फिर से खड़ा किया था। उन्होंने चेतावनी दी कि 2025 में भी आपदा की आशंका है और सरकार को पहले से तैयारी करनी चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है।

उन्‍होंने पर्यटन पर बोलते हुए कहा कि पर्यटन दिवस, मसूरी का दिवस है। पर्यटन हमारी आजीविका का आधार है। मसूरी जैसे स्थलों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना होगा।

Point of View

जो जनता के लिए प्रासंगिक हैं। यह आवश्यक है कि हम इन मुद्दों पर विचार करें और उचित समाधान खोजें।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

हरीश रावत ने किन मुद्दों पर सरकार को घेरा?
हरीश रावत ने भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर सरकार को घेरा।
क्या रावत ने कृषि नीतियों पर कोई आरोप लगाया?
जी हां, उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया।
कांग्रेस सरकार ने केदारनाथ आपदा के समय क्या किया था?
कांग्रेस सरकार ने केदारनाथ आपदा के बाद प्रदेश को पुनर्जीवित करने का कार्य किया था।
पर्यटन के बारे में रावत का क्या कहना है?
रावत ने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का आधार है और इसे योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना होगा।
रावत ने सरकार को किन तैयारियों के लिए चेतावनी दी?
उन्होंने 2025 में संभावित आपदा के लिए सरकार को पहले से तैयारी करने की चेतावनी दी।