क्या विक्रम मजीठिया को चिट्टा कारोबारी बताने वाले अब उन्हें शरीफ का तमगा दे रहे हैं?: हरपाल सिंह चीमा

सारांश
Key Takeaways
- हरपाल सिंह चीमा का कांग्रेस पर हमला।
- कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र।
- विक्रम मजीठिया को लेकर विरोधाभासी बयान।
- रिपोर्ट में राजनीतिक समीकरणों का जिक्र।
- कांग्रेस को नेताओं की सफाई की जरूरत।
चंडीगढ़, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को कांग्रेस के प्रमुख नेताओं पर तीखा हमला किया। उन्होंने इन नेताओं को दोहरे चरित्र वाला करार दिया।
हरपाल सिंह चीमा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस के नेता सुखपाल सिंह खैरा, चरणजीत सिंह चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा विधानसभा के अंदर और बाहर लगातार यह कहते रहे हैं कि विक्रम मजीठिया का चिट्टे (ड्रग्स) के कारोबार से संबंध है, लेकिन अब वही नेता उन्हें 'शरीफ' और 'धार्मिक' बताकर उनका बचाव कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बात रिकॉर्ड में है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता बार-बार कहते थे कि विक्रम मजीठिया का चिट्टे के कारोबार से सीधा संबंध है। सुखपाल खैरा, चरणजीत चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा ने बार-बार यह आरोप लगाया। एक वीडियो में प्रताप सिंह बाजवा को स्पष्ट रूप से यह कहते हुए सुना गया है कि 'जब हमारी सरकार आएगी तो सुखबीर बादल, विक्रम मजीठिया, तोता सिंह और आदेश प्रताप कैरों को रस्सी से बांधकर तरनतारन सीआई स्टाफ ले जाएंगे'। अब वही लोग कह रहे हैं कि मजीठिया एक शरीफ आदमी हैं।
हरपाल चीमा ने कांग्रेस नेताओं के इस बदलाव को दोहरा चरित्र बताया। उन्होंने कहा कि आज वही नेता, जिनकी जुबान से कभी मजीठिया के लिए चिट्टा शब्द नहीं हटता था, अब कह रहे हैं कि वह 'धार्मिक' और 'शरीफ' आदमी हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इन नेताओं का कोई सैद्धांतिक आधार नहीं है। जब वे सत्ता में नहीं थे, तब आरोप लगाते रहे, अब राजनीतिक समीकरण बदलते देख अचानक सुर बदल लिए। यह जनता को धोखा देने वाली राजनीति है।
कांग्रेस हाईकमान पर जुबानी हमला करते हुए वित्त मंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि अगर कांग्रेस वास्तव में अपनी साख बचाना चाहती है, तो उसे सुखपाल खैरा और प्रताप बाजवा जैसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। ऐसे नेताओं का पार्टी में होना खुद कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है।