क्या हरियाणा के डीजीपी को आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में अवकाश पर भेजा गया?

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क्या हरियाणा के डीजीपी को आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में अवकाश पर भेजा गया?

सारांश

हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में अवकाश पर भेजा गया है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। जानिए इस मामले में क्या कुछ घटनाक्रम हुए हैं और क्या है इसके पीछे का सच।

Key Takeaways

  • डीजीपी शत्रुजीत कपूर को आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले में अवकाश पर भेजा गया।
  • चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
  • पुरन कुमार की पत्नी ने शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति नहीं दी।
  • राजनीतिक नेताओं ने न्याय की मांग की है।
  • पंजाब आयोग ने पुलिस की रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया।

चंडीगढ़, १४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को एक आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या के मामले में अवकाश पर भेजा गया है।

चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार द्वारा छोड़े गए “नोट” के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। पुरन कुमार की कथित आत्महत्या ७ अक्टूबर को हुई थी।

इस एफआईआर के कुछ घंटों बाद, पुरन कुमार की पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी से एफआईआर दर्ज कराने और उनके पति द्वारा फाइनल नोट में नामित अधिकारियों के निलंबन और गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था।

अभी तक पुरन कुमार की पत्नी ने उनके शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति नहीं दी है। उनका कहना है कि “हरियाणा के शक्तिशाली और उच्च पदस्थ अधिकारी इस मामले में शामिल हैं।”

आठ दिन बीत जाने के बाद भी शव मुर्दाघर में रखा हुआ है। राज्य सरकार और पुरन कुमार की पत्नी के बीच डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और हटाए गए रोहतक एसपी नरेंद्र बियारनिया की गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध जारी है।

राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव के बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ में दिवंगत आईपीएस अधिकारी के आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

राज्य के विपक्षी नेता भूपिंदर हुड्डा ने इस मौत को बेहद दुखद बताते हुए कहा, “हमारी एकमात्र मांग है कि दोषियों को सजा दी जाए। न्याय दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को अपनी जिम्मेदारी से विचलित नहीं होना चाहिए।”

सख्ती दिखाते हुए, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने सोमवार को आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस की रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है और जांच प्रगति पर है।

पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष जसविर सिंह गढ़ी ने कहा कि रिपोर्ट में एफआईआर की प्रति शामिल नहीं थी, जिससे यह स्पष्ट नहीं है कि दिवंगत अधिकारी के नोट में नामित १४ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं। उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस तुरंत कार्रवाई करे और नोट में नामित १४ व्यक्तियों को गिरफ्तार करे।

Point of View

बल्कि यह पुलिस तंत्र और राजनीतिक जिम्मेदारी के बीच की खाई को भी उजागर करती है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय मिले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

हरियाणा के डीजीपी को क्यों अवकाश पर भेजा गया?
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार की आत्महत्या मामले में अवकाश पर भेजा गया है।
आईपीएस अधिकारी पुरन कुमार की आत्महत्या का कारण क्या था?
इस मामले में आईपीएस अधिकारी ने एक नोट छोड़ा था, जो उनके आत्महत्या के कारणों की ओर इशारा करता है।
क्या पुरन कुमार की पत्नी ने शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दी?
नहीं, पुरन कुमार की पत्नी ने अभी तक शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति नहीं दी है।
राजनीतिक नेताओं की इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया रही?
विपक्ष के नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट में क्या असंतोष था?
आयोग ने पुलिस रिपोर्ट में एफआईआर की प्रति न होने पर असंतोष व्यक्त किया है।