क्या मानसून में पानी निकासी के लिए पूरी व्यवस्था करेंगे अधिकारी?

सारांश
Key Takeaways
- जल निकासी के लिए सभी आवश्यक इंतजाम समय पर करने की आवश्यकता है।
- जिलों में पंप सेट की स्थिति की जांच की जाएगी।
- जल निकासी से संबंधित शिकायतों का त्वरित निपटारा होगा।
- मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे जिलों पर ध्यान केंद्रित किया।
- मानसून से पहले सभी तैयारियां पूरी करने की बात कही गई।
पंचकूला, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मानसून के आगमन के चलते प्रदेशभर में जल निकासी से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के पानी की निकासी सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम समय पर और प्रभावी तरीके से किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मानसून की तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में जल निकासी के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में जल निकासी की तैयारियों को पूरा रखें और बारिश के दौरान किसी भी समस्या से बचने के लिए पूर्व में योजना बनाएं।
उन्होंने जिलों में उपलब्ध पंप सेटों की जानकारी इकट्ठा करने और उनके सही ढंग से कार्य करने की स्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, "जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सिंचाई विभाग के पास मौजूद पंप सेट पूरी तरह से कार्यशील रहें, यह अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी।"
उन्होंने कहा कि जल निकासी से संबंधित शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाए, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
समीक्षा बैठक के दौरान गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, कुरुक्षेत्र जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया, जहां जल निकासी की समस्या अक्सर रहती है। मुख्यमंत्री सैनी ने इन जिलों के लिए विशेष योजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने ड्रेनों की सफाई के कार्यों की भी जानकारी ली और सभी संबंधित विभागों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानसून से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।
सीएम नायब सिंह सैनी ने मानसून को लेकर बैठक की है, जब पिछले दिन की बारिश ने हरियाणा के कई शहरों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी थी। गुरुग्राम, रेवाड़ी, यमुनानगर और चरखी दादरी सहित कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी जमा हो गया था, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था।