क्या हजारीबाग में 'जीएसटी बचत उत्सव' का प्रभाव है? एक दिन में 150 करोड़ से अधिक की खरीदारी

सारांश
Key Takeaways
- हजारीबाग में धनतेरस पर 150 करोड़ से अधिक की खरीदारी हुई।
- जीएसटी में कमी ने बाजार में रौनक बढ़ाई।
- ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की बिक्री में वृद्धि हुई।
- सोने-चांदी की बिक्री में मध्यम वर्ग का योगदान कम रहा।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत।
हजारीबाग, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग में धनतेरस के अवसर पर बाजार रौनक से भरा रहा। बाजार में घटे हुए जीएसटी और बढ़े हुए सोने की कीमतों का भी प्रभाव देखने को मिला। चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों के अनुसार लगभग डेढ़ सौ करोड़ की खरीद-बिक्री हजारीबाग में हुई।
हजारीबाग के मारुति सुजुकी नेक्सा ने 88 गाड़ियों की बिक्री की, जबकि मारुति सुजुकी एरेना ने 96 गाड़ियों की बिक्री की।
हजारीबाग के फेडरेशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव राकेश ठाकुर ने बताया कि इस बार का धनतेरस जीएसटी परिवर्तन और घटी हुई महंगाई के कारण बेहतर रहा। खासकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने शानदार प्रदर्शन किया। लगभग 45 करोड़ रुपए की बिक्री ऑटोमोबाइल क्षेत्र में हुई। वहीं, सोने-चांदी का व्यवसाय भी ठीक रहा। बढ़ी कीमतों के कारण मध्यम और निम्न वर्ग के लोग सोना-चांदी खरीदने से दूरी बनाते दिखे।
हजारीबाग के अमरनाथ एंड संस ज्वेलर्स के संचालक तारकेश्वर सोनी ने कहा कि बढ़ी हुई सोने-चांदी की कीमतों के कारण मध्यम और निम्न वर्गीय लोग सोने-चांदी से दूर रहे। हालांकि, बड़े शोरूम में इस बार अधिक सेल हुई है।
हजारीबाग के मारुति सुजुकी प्रेमसंस मोटर्स के सेल्स मैनेजर राहुल मिश्रा ने बताया कि घटे हुए जीएसटी के चलते बाजार में काफी रौनक देखने को मिली है। धनतेरस के दिन लगभग 88 गाड़ियों की बिक्री हुई।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस त्योहारी सीजन में लगभग 140 गाड़ियों की बिक्री होगी। पिछले साल त्यौहार के दौरान महज 80 गाड़ियां बिकी थी। इस बार पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना बाजार रहा।
इस बार धनतेरस का बाजार काफी तेज रहा है। लोगों ने बढ़-चढ़कर इस शुभ दिन पर खरीदारी की। अकेले हजारीबाग जिले से डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की खरीद-बिक्री होना यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दिन-ब-दिन मजबूत हो रही है। वहीं, अभी कुछ दिन खरीदारी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।