हिमाचल प्रदेश के खनियारा में तेज बहाव की चपेट में आने से कई मजदूर बहे, क्या दो की मौत हो गई?

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हिमाचल प्रदेश के खनियारा में तेज बहाव की चपेट में आने से कई मजदूर बहे, क्या दो की मौत हो गई?

सारांश

दुखद घटना में, हिमाचल प्रदेश के खनियारा में तेज बहाव के कारण कई मजदूर बह गए। इस हादसे में दो लोगों की जान चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने शोक व्यक्त किया है। जानें इस घटना की पूरी जानकारी और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

Key Takeaways

  • तेज बहाव ने कई श्रमिकों को बहा दिया।
  • दो शव बरामद हुए हैं।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त किया।
  • स्थानीय लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
  • राहत कार्य में देरी हुई है।

धर्मशाला, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचाई है। कुल्लू में बाढ़ के बाद अब धर्मशाला में भी स्थिति गंभीर हो गई है। जिले के खनियारा में मणुणी खड्ड का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे आए तेज बहाव में एक क्रशर में कार्यरत कई मजदूर बह गए। कम से कम दो व्यक्तियों के शव बरामद किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

स्थानीय श्रमिकों के अनुसार, यह घटना दोपहर २ से ३ बजे के बीच हुई। उस समय वहाँ लगभग १०० मजदूर कार्यरत थे, जिनमें लगभग १४-१५ मजदूर बह गए। अचानक आई बाढ़ ने वहाँ काम कर रहे श्रमिकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए मौके पर उपस्थित दयाकिशन ने बताया कि कंपनी ने उन्हें नीचे जाने के लिए कहा था। जब वे अपना सामान बांधने गए, तभी बाढ़ आ गई। उन्होंने कहा, "मेरा बैग, कुछ लोगों के पैसे, मेरा फोन—सब कुछ बह गया।" उन्होंने बताया कि लगभग १४-१५ लोग पानी के बहाव में बह गए।

एक अन्य श्रमिक रवि कुमार ने बताया कि सुबह से हल्की बारिश हो रही थी। वे दोपहर में खाना खाकर सो रहे थे, जब अचानक बाढ़ में जान-माल का नुकसान हुआ। उनका एक साथी जम्मू का भी बह गया।

जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति की लाश मनूनी खड्ड में तैरती हुई पाई गई, जबकि दूसरे की लाश प्रोजेक्ट के दो नम्बर फेस पर मिली।

ये श्रमिक खनियारा की पहाड़ियों में एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत थे। परियोजना में लगे स्थानीय लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं। बारिश के कारण परियोजना का कार्य रुका हुआ था, इसलिए सभी मजदूर मजदूर कॉलोनी में ही थे। इस बीच मनूनी खड्ड और नाले का सारा पानी कॉलोनी की तरफ मोड़ दिया गया और कॉलोनी में शेडों में आराम कर रहे मजदूर बह गए। पानी में बहे ज्यादातर मजदूर जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं।

पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। सड़कें टूट जाने के कारण राहत और बचाव दल को घटना स्थल पर पहुँचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पैदल ही जाना पड़ रहा है, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने श्रमिकों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के निकटवर्ती खनियारा की मणुणी खड्ड में अचानक पानी का तेज बहाव बढ़ने से कई श्रमिकों के बहने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। संकट की इस घड़ी में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देवभूमि के नागरिकों की हरसंभव सहायता के लिए समर्पित है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें एवं शोक संतप्त परिवारों को संबल प्रदान करें।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारियों में कमी है। सरकार को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना में कितने मजदूर बह गए?
लगभग 14-15 मजदूर तेज बहाव में बह गए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना पर क्या कहा?
जे.पी. नड्डा ने शोक व्यक्त करते हुए संवेदना जाहिर की।
क्या राहत कार्य में कोई समस्या आई?
सड़कें टूट जाने के कारण राहत और बचाव दल को पहुँचने में कठिनाई हुई।